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दिल्ली की नई आबकारी नीति से शराब बिक्री में वृद्धि

दिल्ली में शराब बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, जो नई आबकारी नीति और त्योहारी सीजन के प्रभाव का परिणाम है। अधिकारियों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में राजस्व में 12% से अधिक की वृद्धि हुई है। आगामी त्योहारों के मद्देनजर, सरकार ने स्टॉक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। नई नीति के तहत, शराब की बिक्री को और अधिक पारदर्शी और उपभोक्ता-हितैषी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जानें इस नई नीति के बारे में और क्या बदलाव हो सकते हैं।
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दिल्ली की नई आबकारी नीति से शराब बिक्री में वृद्धि

दिल्ली में शराब बिक्री में वृद्धि

दिल्ली की नई आबकारी नीति: दिल्ली में शराब प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना आई है। रेखा गुप्ता की सरकार ने इस क्षेत्र में बड़ा लाभ देने का निर्णय लिया है। शनिवार को आबकारी विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में पिछले वर्ष की तुलना में आबकारी राजस्व में 12 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर 2024-25 के दौरान वैट सहित आबकारी राजस्व 3,731.79 करोड़ रुपये था, जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह बढ़कर 4,192.86 करोड़ रुपये हो गया है।


त्योहारों के दौरान बिक्री में वृद्धि की संभावना

त्योहारों का प्रभाव: आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि VAT से जुड़े आंकड़े केवल 16 सितंबर तक उपलब्ध हैं, जिससे आने वाले महीनों में राजस्व में और वृद्धि की उम्मीद है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, "शराब की बिक्री में निरंतर वृद्धि के कारण सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित ₹6,000 करोड़ के राजस्व लक्ष्य का आधा आंकड़ा पहले ही पार कर लिया है।" त्योहारी सीजन, दिवाली और नए साल के अवसर पर बिक्री में उछाल की संभावना है, जिससे सालाना लक्ष्य पार होना लगभग निश्चित है।


आंकड़ों में वृद्धि का संकेत

बिक्री में उछाल: आंकड़ों से स्पष्ट है कि शराब की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अप्रैल-सितंबर 2024-25 में मासिक औसत आबकारी प्राप्ति (VAT को छोड़कर) ₹279.81 करोड़ थी, जबकि 2025-26 में यह बढ़कर ₹517.26 करोड़ हो गई, जो लगभग 85 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। VAT को छोड़कर कुल राजस्व भी ₹2,598.04 करोड़ से बढ़कर ₹3,043.39 करोड़ तक पहुंच गया है।


नई आबकारी नीति की तैयारी

आगामी त्योहारों के लिए तैयारी: विभाग ने आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए सरकारी निगमों को स्टॉक बढ़ाने और समय पर ऑर्डर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में दिल्ली में चार सरकारी निगमों के अधीन 700 से अधिक शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं।


बजट 2025-26 में आबकारी राजस्व का लक्ष्य पहले ₹7,000 करोड़ निर्धारित किया गया था, लेकिन व्यावहारिक अनुमानों के बाद इसे घटाकर ₹6,000 करोड़ कर दिया गया। सरकार ने नई आबकारी नीति तैयार करने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री परवेश साहिब सिंह वर्मा की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है।


समिति की चर्चा के मुद्दे

महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा: सूत्रों के अनुसार, समिति की हालिया बैठकों में शराब निर्माताओं, वितरकों और खुदरा विक्रेताओं के साथ कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई है। इनमें शामिल हैं:


  • स्थिर कीमतें
  • शराब पीने की कानूनी उम्र
  • खुदरा कारोबार में निजी कंपनियों की भूमिका


मूल्य निर्धारण पर विचार

नीति में संशोधन: नीति निर्माण से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में 2014 से आबकारी कर दर में कोई संशोधन नहीं हुआ है, जबकि एमआरपी को भी पिछले तीन वर्षों से अपडेट नहीं किया गया है। नई नीति में "प्रति बोतल निश्चित मार्जिन" पर पुनर्विचार किया जा रहा है।


वर्तमान प्रणाली में सभी ब्रांडों के लिए समान मार्जिन तय है, जिससे खुदरा विक्रेता सस्ते और कम लोकप्रिय ब्रांडों की बिक्री को प्राथमिकता देते हैं। इससे महंगी या प्रीमियम शराब की उपलब्धता प्रभावित होती है।


आगामी संभावनाएं

दिल्ली में शराब बिक्री से बढ़ती सरकारी आमदनी यह दर्शाती है कि राजधानी का शराब बाजार लगातार विकसित हो रहा है। आने वाले महीनों में नई आबकारी नीति लागू होने के बाद यह क्षेत्र और अधिक संगठित और पारदर्शी बन सकता है। त्योहारी सीजन और बढ़ती मांग के चलते सरकार को उम्मीद है कि आबकारी राजस्व इस वर्ष सभी रिकॉर्ड तोड़ देगा।