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दिल्ली की नई वाहन नीति से कार मालिकों में हड़कंप

दिल्ली सरकार की नई 'एंड ऑफ लाइफ' वाहन नीति ने कई कार मालिकों को बेचने के लिए मजबूर कर दिया है। रितेश गांधी जैसे मालिकों ने अपनी 8 साल पुरानी डीजल SUV को बेचने की मजबूरी का सामना किया है। नई नीति के तहत 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जानें इस नीति के प्रभाव और लोगों की प्रतिक्रियाएं।
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दिल्ली की नई वाहन नीति से कार मालिकों में हड़कंप

दिल्ली की 'एंड ऑफ लाइफ' नीति का प्रभाव

दिल्ली की नई ईंधन नीति: दिल्ली सरकार की हालिया 'एंड ऑफ लाइफ' (EoL) वाहन नीति ने कई कार मालिकों को मुश्किल में डाल दिया है। रितेश गांधी, जो एक 8 साल पुरानी डीजल रेंज रोवर के मालिक हैं, को इस नीति के कारण अपनी लग्जरी SUV बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी लॉकडाउन के दौरान 2 साल तक खड़ी रही और ओडोमीटर में केवल 74,000 किलोमीटर का सफर तय हुआ था।


रितेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'मेरी कार का बहुत अच्छे से ख्याल रखा गया है। यह 8 साल पुरानी डीजल कार है, जिसमें केवल 74,000 किलोमीटर चले हैं। इस गाड़ी में आसानी से 2 लाख किलोमीटर और चलने की क्षमता है, लेकिन अब दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगने के कारण मुझे इसे सस्ते दामों में बेचना पड़ रहा है।' उन्होंने यह भी कहा कि नई लग्जरी गाड़ियों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं और 45% GST + cess की अतिरिक्त लागत ने स्थिति को और भी कठिन बना दिया है। उन्होंने इसे ग्रीन पॉलिसी के बजाय सजा करार दिया।






यूजर्स की प्रतिक्रियाएं


एक यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मैं चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी जी इस समस्या को खुद देखें। दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का नियम उचित नहीं है। सरकार को पुराने गाड़ियों के मालिकों को अच्छा मुआवजा देना चाहिए या फिर कम टैक्स देना चाहिए।'




दिल्ली में नई वाहन नीति


नई नीति के अनुसार, 1 जुलाई से 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरने से रोक दिया गया है। यहां तक कि फिटनेस टेस्ट पास करने के बावजूद भी ये गाड़ियां मान्य नहीं होंगी। दिल्ली में अब 350 से अधिक पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं, ताकि जो गाड़ियां इस नीति का पालन नहीं करतीं, उन्हें तुरंत पहचाना जा सके। इसके अनुसार, लगभग 62 लाख गाड़ियां एंड ऑफ लाइफ घोषित की गई हैं, जिनमें 41 लाख दो-पहिया वाहन और 18 लाख चार-पहिया वाहन शामिल हैं.