दिल्ली की रैपिड रेल में अश्लीलता का वीडियो लीक, सुरक्षा पर उठे सवाल
वीडियो लीक से सुरक्षा पर सवाल
नई दिल्ली। दिल्ली को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी परियोजना 'नमो भारत' (Namo Bharat) के एक वीडियो ने न केवल सार्वजनिक नैतिकता को चुनौती दी है, बल्कि रेलवे की 'सुरक्षित यात्रा' के दावों पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।
इस वीडियो में एक प्रेमी युगल, जो स्कूली ड्रेस में है, एक कोच के अंदर आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दे रहा है। यह मामला केवल अश्लीलता का नहीं है, बल्कि यह डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा में सेंध लगाने का भी संकेत है। आखिरकार, एक अत्यधिक सुरक्षित कंट्रोल रूम से सीसीटीवी फुटेज कैसे लीक हुआ?
कोच में अन्य यात्रियों की संख्या बहुत कम थी। खाली सीटों का लाभ उठाते हुए यह युगल अश्लील हरकतें करता नजर आया। वीडियो से स्पष्ट है कि इसे किसी मोबाइल से नहीं, बल्कि CCTV कैमरे द्वारा रिकॉर्ड किया गया है। इसमें टाइम स्टैम्प और कैमरा आईडी जैसी तकनीकी जानकारी भी मौजूद है, जो इसे आधिकारिक फुटेज साबित करती है।
हालांकि, स्कूली छात्रों की हरकत निंदनीय है, लेकिन असली अपराध NCRTC (National Capital Region Transport Corporation) के भीतर हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, निजता एक मौलिक अधिकार है। सार्वजनिक स्थान पर गलत करने के बावजूद, सीसीटीवी फुटेज का लीक होना आईटी एक्ट (IT Act) के तहत दंडनीय है।
NCRTC की जांच और कार्रवाई
लो जी बन गया happy वाला sunday
RRTS में भी शुरू हो गया ये तमाशा! गाजियाबाद-दिल्ली के बीच चलने वाली RRTS (Namo Bharat) में अब धाकड़ लेवल की शूटिंग शुरू हो गई है।मेट्रो के बाद अब ट्रेनों को भी रील्स का अड्डा बना दिया गया है। #viralvideo #publicplace #oyo pic.twitter.com/dzb1oO5kC3
— Sarpanch Mika Gill (@SarpanchMika) December 21, 2025
NCRTC ने वीडियो वायरल होते ही आंतरिक जांच का आदेश दिया है। अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की है।
सूत्रों के अनुसार, तकनीकी टीम यह पता लगाने में जुटी है कि वीडियो कब का है, उस समय कौन से कर्मचारी ड्यूटी पर थे, और यह वीडियो सिस्टम से डाउनलोड किया गया था या मोबाइल से रिकॉर्ड किया गया।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जो भी कर्मचारी इस लीक के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
डेटा सुरक्षा और नैतिकता के मुद्दे
इस घटना का सबसे गंभीर पहलू यह है कि CCTV फुटेज कैसे लीक हुआ। रैपिड रेल का कंट्रोल रूम और उसका डेटा पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है। ऐसे में किसी निजी फुटेज का सार्वजनिक डोमेन में आना बड़ी लापरवाही है।
कानून की नजर में इस मामले में दो अलग-अलग अपराध हुए हैं:
छात्रों का अपराध (सार्वजनिक अश्लीलता): भारतीय न्याय संहिता (BNS) या IPC की धारा 294 के तहत सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकत करना अपराध है। चूंकि वे स्कूली छात्र (संभवतः नाबालिग) हैं, इसलिए उन पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (JJ Act) के तहत कार्रवाई हो सकती है।
वीडियो लीक करने वाले का अपराध (डेटा चोरी): यह अपराध अधिक गंभीर है। IT Act की धारा 66E के तहत किसी की निजता का उल्लंघन करना और निजी अंगों या कृत्यों की तस्वीर/वीडियो प्रसारित करना दंडनीय है। इसमें 3 साल तक की जेल और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
सामाजिक नैतिकता और सुरक्षा के मुद्दे
यह घटना समाज के सामने दो बड़े सवाल खड़े करती है:
गिरता नैतिक स्तर: स्कूली बच्चों द्वारा सार्वजनिक परिवहन में ऐसी हरकतें करना सामाजिक पतन और अभिभावकों की निगरानी में कमी को दर्शाता है। मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के अनियंत्रित इस्तेमाल से किशोरों में 'सार्वजनिक और निजी' का अंतर खत्म होता जा रहा है।
दूसरा- क्या हम एक ऐसे समाज में जी रहे हैं जहां हर वक्त कोई हमें देख रहा है? सुरक्षा के नाम पर लगाए गए कैमरे अगर ब्लैकमेलिंग या मनोरंजन का साधन बन जाएं, तो आम नागरिकों को यात्रा करने में डर लगेगा।
गाजियाबाद की नियमित यात्री, स्नेहा वर्मा कहती हैं कि मैं अक्सर रैपिड रेल से सफर करती हूं क्योंकि यह सुरक्षित है, लेकिन यह खबर सुनकर डर लग रहा है।
NCRTC के लिए एक चेतावनी
यह घटना NCRTC के लिए एक 'वेक-अप कॉल' है। केवल शानदार कोच और तेज रफ्तार इंजन बनाना ही काफी नहीं है। उस सिस्टम को चलाने वाले लोगों की मानसिकता और ईमानदारी भी 'वर्ल्ड क्लास' होनी चाहिए।
सुझाव और अपेक्षाएं:
मोबाइल बैन: कंट्रोल रूम में कर्मचारियों के मोबाइल ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए।
वाटरमार्क: CCTV फुटेज पर यूजर आईडी का वाटरमार्क होना चाहिए ताकि लीक होने पर तुरंत पता चल सके कि यह किसकी आईडी से देखा गया था।
जागरूकता: स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है कि सार्वजनिक स्थानों पर कैसा आचरण अपेक्षित है।
फिलहाल, पुलिस और NCRTC की जांच जारी है। देखना होगा कि वीडियो लीक करने वाला वह 'चेहरा' कब बेनकाब होता है जिसने सुरक्षा तंत्र का मजाक बना दिया है।



मेट्रो के बाद अब ट्रेनों को भी रील्स का अड्डा बना दिया गया है।