दिल्ली की हवा: प्रदूषण से जहरीली स्थिति तक
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से खुलासा
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति
दिल्ली की हवा इन दिनों प्रदूषण और स्मॉग से भरी हुई है। पिछले 20 दिनों से यहां वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। इससे न केवल आम लोगों को परेशानी हो रही है, बल्कि विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और सांस की बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण को प्रस्तुत की गई रिपोर्ट ने सभी को चौंका दिया है।
सीपीसीबी की रिपोर्ट में प्रमुख तथ्य
सीपीसीबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली की हवा में भारी धातुओं की मौजूदगी है, जैसे तांबा, जस्ता, क्रोमियम और मोलिब्डेनम। इनकी सांद्रता पीएम 10 के कणों में 0.1 से 2 प्रतिशत के बीच पाई गई है। हाल के दिनों में वायु प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, पीएम10 का औसत स्तर 130 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है, जो राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम से काफी अधिक है। तांबा की औसत सांद्रता 55.13 नैनोग्राम प्रति घन मीटर, क्रोमियम की 12.25, मोलिब्डेनम की 0.91, और जिंक की 243.5 नैनोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई है।
पूर्वी दिल्ली की हवा की स्थिति
रिपोर्ट में पूर्वी दिल्ली की हवा में पीएम2.5 कणों के साथ जिंक, क्रोमियम, कॉपर और मोलिब्डेनम की अधिक मात्रा का उल्लेख किया गया है। ये धातुएं फेफड़ों, किडनी और बच्चों के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। सीपीसीबी की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि दिल्ली की हवा अभी भी जहरीली है।
जून-जुलाई 2025 में की गई जांच में दिल्ली के चार क्षेत्रों, पीतमपुरा, सरिफोर्ट, जनकपुरी और शाहदरा का समावेश था। इन क्षेत्रों में पीएम10 का औसत स्तर 130 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया, जो राष्ट्रीय मानक से दोगुना है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि शाहदरा में 18 जून को पीएम10 का स्तर 222 तक पहुंच गया, जहां जिंक की मात्रा 265 नैनोग्राम तक थी।
