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दिल्ली के धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप

दिल्ली के स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती पर 19 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। वह खुद को एक उच्च शिक्षित प्रबंधन गुरु और लेखक बताते हैं, लेकिन उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों की सत्यता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस ने उन्हें फरार घोषित कर दिया है और उनकी जांच जारी है। जानिए इस मामले में और क्या खुलासे हुए हैं।
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दिल्ली के धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप

धर्मगुरु पर लगे आरोप

चैतन्यानंद सरस्वती: दिल्ली के एक स्वयंभू धर्मगुरु, चैतन्यानंद सरस्वती, पर कम से कम 19 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है। वह खुद को एक उच्च शिक्षित प्रबंधन विशेषज्ञ और लेखक के रूप में प्रस्तुत करते हैं। हाल ही में सामने आए इन आरोपों के बाद से वह फरार हैं।


शैक्षणिक उपलब्धियों का दावा

चैतन्यानंद की प्रोफ़ाइल में कहा गया है कि उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा, उनके पास कई मानद डी.लिट. की उपाधियाँ भी होने का दावा किया गया है।


किताबों का लेखन

कई किताबों का दावा: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उनकी किताबों के लेखक पृष्ठों पर भी यही दावे दोहराए गए हैं। दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि इनमें से कई दावे संदिग्ध हैं और उनकी सत्यता की जांच की जा रही है। चैतन्यानंद ने अपनी किताबों के कवर पर खुद को एक 'अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित लेखक' के रूप में प्रस्तुत किया है।


स्टीव जॉब्स का प्रस्तावना लेख

उनकी एक किताब, 'फॉरगेट क्लासरूम लर्निंग' में एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स का प्रस्तावना लेख शामिल है। किताब के पहले पन्ने पर जॉब्स के हवाले से लिखा गया है कि यह किताब 'प्रबंधन की व्यावहारिक दुनिया के लिए एक अभूतपूर्व प्रारंभिक और मार्गदर्शक पुस्तिका है।'


फर्जी शैक्षणिक जानकारी

पुलिस का मानना है कि चैतन्यानंद के शैक्षणिक प्रोफाइल में दी गई अधिकांश जानकारी झूठी है। वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद, वह फरार हैं। पुलिस ने उन्हें देश छोड़ने से रोकने के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। जांच में यह भी सामने आया है कि चैतन्यानंद पिछले दो दशकों से महिलाओं का उत्पीड़न कर रहा था और उस पर 2009 और 2016 में भी छेड़छाड़ के आरोप लगे थे।