दिल्ली के ब्लास्ट में महिला डॉक्टर की संलिप्तता का खुलासा
नई दिल्ली में ब्लास्ट की जांच में नया मोड़
नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किले के निकट हुए विस्फोट की जांच में एक नया और चौंकाने वाला पहलू सामने आया है। जांच एजेंसियों के अनुसार, इस साजिश में एक महिला डॉक्टर का नाम शामिल है, जिसने फरीदाबाद के मॉड्यूल को वित्तीय सहायता और समर्थन प्रदान किया। यूपी की निवासी डॉक्टर शहीन सईद अब इस मामले की जांच का केंद्र बन गई हैं। एजेंसियों का कहना है कि उन्होंने अपनी चिकित्सा पहचान और नेटवर्क का उपयोग करके संदिग्ध गतिविधियों को छिपाने का प्रयास किया।
डॉक्टर की गिरफ्तारी और संबंध
सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद में विस्फोटक और हथियारों की बरामदगी के सिलसिले में लखनऊ में डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया गया है। उनका नाम उस कार ब्लास्ट से जुड़ा है, जिसमें सोमवार शाम को दिल्ली में 12 लोगों की जान गई थी। डॉक्टर शहीन का संबंध डॉक्टर उमर से बताया जा रहा है, जो अल-फलाह मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद से स्नातक हैं और वही कार चला रहे थे जिसमें धमाका हुआ। इसके अलावा, शहीन के संबंध मुख्य आरोपी मुज्जमिल से भी बताए जा रहे हैं, जिसके पास पहले भारी मात्रा में हथियार और दस्तावेज मिले थे.
जांच में सामने आए तथ्य
जांच में यह भी पता चला है कि डॉक्टर शहीन न केवल इस मॉड्यूल की फंडिंग में शामिल थीं, बल्कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कई बार यात्रा भी की थी। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए भारत में महिलाओं की भर्ती का कार्य संभाला था। संगठन के मनोवैज्ञानिक युद्ध विंग में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है.
खुलासे का तरीका
जांच एजेंसियों के अनुसार, ब्लास्ट से पहले इस समूह ने लगभग 35 से 40 लाख रुपये जुटाए थे, जिसमें से एक बड़ी राशि शहीन के नेटवर्क के माध्यम से आई थी। फरीदाबाद से बरामद की गई कार भी उनके नाम पर पंजीकृत थी। बताया जा रहा है कि उन्होंने मेडिकल वेलफेयर और NGO चैनलों के माध्यम से गुप्त रूप से पैसे और जानकारी भेजी.
सुरक्षा एजेंसियों की चिंता
सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह चिंता का विषय है कि अब शिक्षित और पेशेवर लोग भी कट्टरपंथी संगठनों के प्रभाव में आ रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अल-फलाह नेटवर्क को इस रैडिकलाइजेशन की शुरुआत माना जा रहा है। इसी नेटवर्क से कई संदिग्धों की भर्ती और फंडिंग की प्रक्रिया हुई थी.
खुफिया एजेंसियां अब डॉक्टर शहीन के मोबाइल डेटा, बैंक लेनदेन और सोशल नेटवर्क की जांच कर रही हैं। एजेंसियों का मानना है कि महिला डॉक्टर की भागीदारी भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक नया और गंभीर संकेत है.
