दिल्ली के लाल किले के पास ब्लास्ट की जांच में नए तथ्य सामने आए
दिल्ली में ब्लास्ट की जांच जारी
दिल्ली के लाल किले के निकट हुए विस्फोट की जांच चल रही है। जांच एजेंसियों को इस मामले में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल रही हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और खुफिया एजेंसियां हमलावर डॉक्टर उमर नबी की पूरी पृष्ठभूमि की जांच कर रही हैं। इस जांच में नबी और एक रहस्यमय हैंडलर के बीच संबंधों का पता चला है, जिसका नाम 'UKasa' बताया जा रहा है।
डॉक्टर उमर की योजना का खुलासा
सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर उमर का हर कदम एक कमांड के तहत उठाया गया है। 'UKasa' संभवतः एक कोडनेम हो सकता है, जिसका स्थान तुर्की की राजधानी अंकारा बताया जा रहा है। दिल्ली पुलिस की विशेष टीम ने बताया कि आतंकियों और हैंडलर्स के बीच संदिग्ध Session App (एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म) के माध्यम से संवाद होता था। इस ऐप पर हुई बातचीत का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने इस विस्फोट को एक आतंकवादी घटना माना है और इसकी जांच गंभीरता से की जा रही है। जांच एजेंसियों के सूत्रों से पता चला है कि मार्च 2022 में हमलावर उमर नबी अन्य लोगों के साथ भारत से अंकारा गए थे। इस दौरान उन्हें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों का हिस्सा बनाया गया। हालांकि, तुर्की ने इन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है।
तुर्की की प्रतिक्रिया
तुर्की ने कहा है कि कुछ विदेशी मीडिया संस्थान भारत में हुई आतंकवादी घटनाओं को तुर्की से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमले के आरोपियों को तुर्की ने कोई वित्तीय या लॉजिस्टिक सहायता नहीं दी है। तुर्की ने इन दावों को पूरी तरह से गलत और निराधार बताया है, और कहा है कि इससे दिल्ली और अंकारा के रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं।
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल की जांच
दिल्ली पुलिस इस ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल की गहन जांच कर रही है। माना जा रहा है कि ये लोग और भी कई धमाके करने की योजना बना रहे थे, लेकिन फरीदाबाद में 2900 किलो विस्फोटक मिलने के बाद उन्होंने जल्दबाजी में विस्फोट कर दिया। फॉरेंसिक और डीएनए रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो चुका है कि विस्फोट के समय उमर ही कार चला रहा था। फरीदाबाद से गिरफ्तार सभी संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है, और उम्मीद है कि और भी महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं।
