दिल्ली कोर्ट ने सतेंद्र जैन के खिलाफ CBI की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार किया

सतेंद्र जैन के खिलाफ CBI को नहीं मिले सबूत
आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व दिल्ली मंत्री सतेंद्र जैन के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने यह भी माना कि CBI की लंबी जांच के बावजूद जैन के खिलाफ कोई आपराधिक सबूत नहीं पाया गया है। इस स्थिति में, सतेंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 या किसी अन्य अपराध के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।
कोर्ट ने CBI की जांच पर टिप्पणी की
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष जज दिग विनय सिंह ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए कहा कि CBI ने इस मामले में काफी गहराई से जांच की है। इसके बावजूद, जैन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है जो भ्रष्टाचार के आरोपों को सिद्ध कर सके। जज ने स्पष्ट किया कि नियमों का पालन न करने वाले फैसले को भ्रष्टाचार के दायरे में नहीं लाया जा सकता, इसके लिए ठोस सबूतों की आवश्यकता होती है, जो इस मामले में अनुपस्थित रहे।
CBI की जांच की पृष्ठभूमि
CBI ने 29 मई, 2019 को दिल्ली सरकार के विजिलेंस की एक शिकायत के आधार पर सतेंद्र जैन और अन्य पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि जैन और अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए 17 सदस्यीय 'क्रिएटिव टीम' की नियुक्ति की। इसके लिए मानक भर्ती प्रक्रिया को दरकिनार किया गया और असंबंधित परियोजना निधि से भुगतान किया गया, जो वित्तीय नियमों का उल्लंघन था।
चार साल की जांच के बाद CBI की क्लोजर रिपोर्ट
CBI ने इस मामले की जांच लगभग चार साल तक की, लेकिन अंततः जैन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। 2022 में, CBI ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की, जिसमें कहा गया कि जैन और अन्य के खिलाफ कोई आपराधिक सबूत नहीं है। प्रारंभ में, जैन और अन्य पर रिश्वतखोरी और व्यक्तिगत लाभ देने के आरोप लगाए गए थे, लेकिन CBI ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि इन आरोपों का कोई आधार नहीं है।