Newzfatafatlogo

दिल्ली-जयपुर हाइवे पर नए विकास परियोजनाओं की शुरुआत

दिल्ली-जयपुर हाइवे (NH-48) पर 282 करोड़ रुपये की लागत से कई नई परियोजनाओं की शुरुआत की गई है, जिसमें फ्लाईओवर और फुट ओवरब्रिज शामिल हैं। ये परियोजनाएं यात्रा को सुरक्षित और जाम-मुक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने इन परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया। जानें इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत और क्या बदलाव होंगे।
 | 
दिल्ली-जयपुर हाइवे पर नए विकास परियोजनाओं की शुरुआत

दिल्ली-जयपुर हाइवे परियोजनाओं की घोषणा

दिल्ली-जयपुर हाइवे (NH-48) पर यात्रा करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण समाचार है। इस हाइवे के विकास के लिए 282 करोड़ रुपये की लागत से कई नई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इनमें चार नए फ्लाईओवर, नौ फुट ओवरब्रिज, चौड़ी सर्विस रोड और जलभराव की समस्या को हल करने के लिए नालियों का सुधार शामिल है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से गुरुग्राम और रेवाड़ी के बीच यात्रा अधिक सुरक्षित और बिना जाम के होगी।


परियोजनाओं का उद्घाटन

मंगलवार को, गुरुग्राम से बीजेपी सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की इन परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के पूरा होने से हाइवे पर जाम और दुर्घटनाओं में कमी आएगी। गुरुग्राम और रेवाड़ी औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों के प्रमुख केंद्र हैं, जहां प्रतिदिन हजारों वाहन चलते हैं।


NH-48 पर होने वाले बदलाव

इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। पंचगांव चौक, राठीवास, धारूहेड़ा में हीरो कंपनी के पास और साल्हावास में चार नए फ्लाईओवर का निर्माण होगा। इसके अलावा, 2.26 किमी नई सर्विस रोड, 7.2 किमी PQC रोड और 30.95 किमी सड़क का सुधार किया जाएगा। 58.8 किमी लंबे हिस्से पर सर्विस रोड को बेहतर बनाया जाएगा और सड़क सुरक्षा के लिए नए उपाय लागू किए जाएंगे, जिन पर 267 करोड़ रुपये खर्च होंगे।


जलभराव और पर्यावरण के लिए उपाय

इसके अतिरिक्त, 15 करोड़ रुपये की लागत से शिकोहपुर, मानेसर, बिनौला, राठीवास, मालपुरा, जयसिंहपुरखेड़ा, सिधरावली, खरखरा और खजूरी में नौ फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा। जलभराव की समस्या को समाप्त करने के लिए 18.05 किमी नई RCC नालियां और 40.64 किमी खुली नालियों को मजबूत किया जाएगा। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए 15,000 पौधे लगाए जाएंगे और वर्षा जल संचयन संरचनाएं भी स्थापित की जाएंगी।