दिल्ली धमाके की जांच में एनआईए और ईडी की संयुक्त कार्रवाई, अल-फलाह यूनिवर्सिटी की फॉरेंसिक जांच भी शुरू
दिल्ली में धमाके की जांच तेज
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किले के निकट हुए विस्फोट की जांच अब तेजी से आगे बढ़ रही है। इस मामले में धन के लेनदेन और फंडिंग की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य वित्तीय जांच एजेंसियां भी शामिल होंगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संदर्भ में गृह सचिव, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक, एनआईए के डीजी और गृह मंत्रालय के अन्य उच्च अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की फॉरेंसिक जांच
सूत्रों के अनुसार, अमित शाह की बैठक में कार विस्फोट के मामले में फंडिंग और वित्तीय लेनदेन की जांच करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी की भी फॉरेंसिक जांच की जाएगी, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि क्या इस घटना से कोई वित्तीय या तकनीकी संबंध है। इस पूरे मामले में केवल धमाके के कारणों की ही नहीं, बल्कि इसके पीछे के आर्थिक लेनदेन और फंडिंग के स्रोतों की भी गहन जांच की जाएगी।
मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग की जांच
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की फॉरेंसिक जांच के साथ-साथ विश्वविद्यालय से जुड़े एक चिकित्सक की वित्तीय गतिविधियों की भी जांच की जाएगी। ईडी और अन्य वित्तीय एजेंसियां यह पता लगाने का प्रयास करेंगी कि कहीं मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकी फंडिंग का मामला तो नहीं है।
धमाके ने देश को झकझोर दिया
दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए धमाके ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं और कई संदिग्धों के नाम सामने आ रहे हैं। जांच एजेंसियों ने आज भी कई लोगों को हिरासत में लिया है। बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर से दो संदिग्धों को पकड़ा गया है, जबकि उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से एक डॉक्टर फारुक को हिरासत में लिया गया है। फारुक जीएस मेडिकल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर हैं और उन्होंने अल-फलाह यूनिवर्सिटी से MBBS की पढ़ाई की है। उनसे इस मामले में लगातार पूछताछ की जा रही है।
भारत सरकार ने इसे आतंकी हमला माना
भारत सरकार ने इस घटना को आतंकी हमला मानते हुए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में धमाके में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखा। बैठक में यह भी तय किया गया कि यह घटना देशविरोधी ताकतों की साजिश है और सरकार इसकी जांच गंभीरता से करेगी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़कर कानून के सामने लाया जाए, ताकि देश में शांति और सुरक्षा बनी रहे।
