दिल्ली धमाके की जांच में चौंकाने वाले खुलासे: शिक्षित युवाओं का आतंकी नेटवर्क
दिल्ली के लाल किले के पास आत्मघाती धमाका
10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के निकट हुए आत्मघाती कार विस्फोट की जांच ने कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक संगठित और 'व्हाइट कॉलर' आतंकवादी नेटवर्क का हाथ था, जिसमें डॉक्टर, तकनीशियन और शिक्षित युवा शामिल थे।
पेशेवर ढंग से संचालित नेटवर्क
जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यह नेटवर्क न केवल कुशलता से कार्यरत था, बल्कि इसके सदस्यों की भूमिकाएं भी स्पष्ट रूप से निर्धारित थीं। इसमें यह तय किया गया था कि किसे भर्ती करना है, कौन विस्फोटक बनाएगा, कौन धन जुटाएगा और कौन हमले को अंजाम देगा।
हंजुल्ला का कनेक्शन
सूत्रों के अनुसार, इस मॉड्यूल का मुख्य कनेक्शन पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी उमर-बिन-खत्ताब उर्फ हंजुल्ला से है। हंजुल्ला के संपर्क में जम्मू-कश्मीर के शोपियां के मौलवी इरफान अहमद थे, जिनका काम शिक्षित युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था। उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद की सहायता से एक उच्च शिक्षित नेटवर्क तैयार किया, जिसमें डॉक्टरों और शिक्षित लोगों को शामिल किया गया।
फरीदाबाद के डॉक्टरों की भूमिका
इरफान ने सबसे पहले फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल शकील को अपने नेटवर्क में शामिल किया। शकील ने अपने समान विचारधारा वाले डॉक्टरों को भी इस मॉड्यूल में जोड़ा। इनमें मुजफ्फर अहमद, अदील अहमद राथर और प्रोफेसर शाहीन सईद शामिल थे। शाहीन ने न केवल अपने भाई परवेज अंसारी को जोड़ा, बल्कि धन जुटाने की जिम्मेदारी भी संभाली।
आमिर राशिद अली की महत्वपूर्ण भूमिका
इस मॉड्यूल में विस्फोटक तैयार करने में आमिर राशिद अली की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उसने फरीदाबाद में विस्फोटक तैयार किए और हमलावर के लिए i20 कार की व्यवस्था की। एनआईए ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया। अदील अहमद राथर की गिरफ्तारी के बाद पूरा मॉड्यूल सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए।
उमर उन नबी का खतरनाक कार्य
इस साजिश का सबसे खतरनाक हिस्सा उमर उन नबी था, जो आत्मघाती हमलावर था। उसने हमले से पहले कई घंटों तक दिल्ली की सड़कों पर कार चलाई। वह विस्फोटक बनाने का प्रशिक्षण ले चुका था और उसके वीडियो में उसकी अतिवादी सोच स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
तकनीकी सहायता का योगदान
मॉड्यूल में शामिल जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश ने ड्रोन पर विस्फोटक लगाने और अन्य हथियार बनाने में मदद की। उसकी भूमिका नेटवर्क की तकनीकी क्षमता को बढ़ाने में थी। जांच एजेंसियों ने बताया कि यह अब तक पकड़े गए सबसे खतरनाक और शिक्षित आतंकवादी नेटवर्क में से एक है, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर हमले करना और देश में अस्थिरता फैलाना था।
