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दिल्ली धमाके की जांच: मेवात और फरीदाबाद से जुड़ी साजिश का पर्दाफाश

दिल्ली में 10 नवंबर को हुए बम धमाके की जांच में मेवात और फरीदाबाद से जुड़े महत्वपूर्ण सुराग सामने आए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस की कार्रवाई ने इस साजिश को नाकाम किया, जिसमें डॉक्टर आदिल की गिरफ्तारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जांच में पता चला है कि डॉक्टर शाहीन ने मेवात में 60 से अधिक स्लीपर सेल तैयार किए थे। इसके अलावा, दिल्ली में एक सक्रिय हवाला नेटवर्क भी इस साजिश को फंडिंग प्रदान कर रहा था। जानें पूरी कहानी में क्या-क्या हुआ।
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दिल्ली धमाके की जांच: मेवात और फरीदाबाद से जुड़ी साजिश का पर्दाफाश

दिल्ली धमाके की जांच

दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के निकट हुए बम धमाके की जांच में कई महत्वपूर्ण कड़ियाँ सामने आई हैं। हरियाणा के मेवात और फरीदाबाद से जुड़े सुराग इस बात की पुष्टि करते हैं कि इन क्षेत्रों में बैठकर देश के दुश्मन दिल्ली और अन्य स्थानों को दहलाने की योजना बना रहे थे। यदि जम्मू-कश्मीर पुलिस डॉक्टर आदिल को गिरफ्तार नहीं करती, तो यह साजिश सफल हो सकती थी।


आदिल की गिरफ्तारी

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सबसे पहले डॉक्टर आदिल को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया, जहां वह एक अस्पताल में कार्यरत था। उसकी पूछताछ के बाद पुलिस ने दिल्ली धमाके में शामिल अन्य संदिग्धों, जैसे मुज्जमिल, उमर और डॉक्टर शाहीन तक पहुंच बनाई। यह गिरफ्तारी एक पोस्टर की जांच के दौरान हुई, जिसमें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का समर्थन किया गया था।


सुरक्षा में जम्मू-कश्मीर पुलिस की भूमिका

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और खुफिया विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यदि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पोस्टर की जांच नहीं की होती, तो देश के दुश्मन अपने इरादों में सफल हो जाते। इसके बाद मौलवी इरफान अहमद को भी गिरफ्तार किया गया, जिसने पूछताछ में आदिल के साथ अन्य संदिग्धों के नाम बताए। इसके परिणामस्वरूप 9 नवंबर को फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ।


डॉक्टर शाहीन की गतिविधियाँ

दिल्ली पुलिस के अनुसार, डॉक्टर शाहीन ने मेवात और आसपास के क्षेत्रों में 60 से अधिक स्लीपर सेल तैयार किए थे। वह इन युवाओं को प्रशिक्षण दे रही थी और उन्हें भड़काने का काम कर रही थी। इनमें से अधिकांश लोग चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े थे। पुलिस ने अब तक 25 से अधिक युवाओं को हिरासत में लिया है।


दिल्ली में हवाला नेटवर्क

एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में एक बड़ा हवाला नेटवर्क सक्रिय है, जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी से शुरू हुए आतंकी मॉड्यूल को फंडिंग प्रदान कर रहा था। डॉक्टर मुज्जमिल, उमर और शाहीन इस नेटवर्क से जुड़े हुए थे।