दिल्ली धमाके में जैश-ए-मोहम्मद का हाथ, 20 लाख रुपये का हवाला कनेक्शन
दिल्ली में भयानक धमाका
दिल्ली में हाल ही में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को चौंका दिया है। लाल किले के पास हुए इस विस्फोट ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। यह घटना 14 वर्षों में राजधानी में हुई सबसे भयानक घटना थी, जिसमें कई लोगों की जान गई। इस मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं, और अब इस आतंकी हमले का संबंध जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ गया है। खुफिया जानकारी के अनुसार, जैश ने भारत में आतंक फैलाने के लिए 20 लाख रुपये खर्च किए थे, जो तीन संदिग्ध डॉक्टरों को भेजे गए थे, जिनमें उमर, मुजम्मिल और शाहीन शामिल हैं।
हवाला नेटवर्क से भेजी गई राशि

हवाला से भेजी गई रकम
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, यह राशि हवाला के माध्यम से पाकिस्तान से भारत में भेजी गई थी। जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर ने इन तीन डॉक्टरों को आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे दिए थे। जांच एजेंसियां अब हवाला नेटवर्क की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।
विस्फोटक की खरीदारी
3 लाख का विस्फोटक खरीदा
संदिग्ध डॉक्टरों ने 20 लाख में से 3 लाख रुपये का उपयोग 26 क्विंटल NPK (Nitrogen Phosphorus and Potassium) केमिकल खरीदने में किया। यह केमिकल सामान्यतः खेती के लिए खाद के रूप में उपयोग होता है, लेकिन इसे विस्फोटक बनाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, बाकी पैसे को लेकर शाहीन और उमर के बीच विवाद शुरू हो गया था। इस साजिश का मास्टरमाइंड डॉक्टर मुजम्मिल था। दिल्ली पुलिस ने पुष्टि की है कि धमाके की जगह से 2 जिंदा कारतूस और 3 कारतूस, 9 मिलीमीटर की कैलिबर और एक बंदूक बरामद की गई है।
पुलिस की जांच
पुलिस का कहना है कि इस तरह के कारतूसों का उपयोग केवल सुरक्षाबलों या विशेष अनुमति प्राप्त व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है। धमाके वाली जगह पर कोई पिस्तौल नहीं मिली है। 3 में से 2 जिंदा कारतूस थे और 1 खाली था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कारतूस तो मिले, लेकिन जिस बंदूक से इन्हें दागा गया, वह अभी तक नहीं मिली है।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस के अनुसार, यह कारतूस राजधानी में कैसे पहुंचे, इसकी जांच की जा रही है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है और धमाके वाली जगह की फोरेंसिक जांच भी जारी है। इस हमले में 12 लोगों की जान गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
