Newzfatafatlogo

दिल्ली पुलिस ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट धोखाधड़ी का किया खुलासा

दिल्ली पुलिस ने हाल ही में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट धोखाधड़ी के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह ने फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से लोगों से ठगी की थी। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो गूगल पर विज्ञापन देकर लोगों को फंसाते थे। इस लेख में जानें कि कैसे यह गिरोह काम करता था, और आप कैसे सुरक्षित रह सकते हैं।
 | 
दिल्ली पुलिस ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट धोखाधड़ी का किया खुलासा

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट धोखाधड़ी का मामला

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट धोखाधड़ी: वाहनों की सुरक्षा और पहचान के लिए केंद्र सरकार ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को अनिवार्य किया है। जिन वाहनों में ये प्लेट नहीं हैं, उनके चालान किए जा सकते हैं। इन नंबर प्लेटों को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है, जिसे आप नजदीकी कार शोरूम या रजिस्टर्ड सेंटर से प्राप्त कर सकते हैं। नए वाहनों में ये प्लेट मिल रही हैं, जबकि पुराने वाहन मालिक इसे ऑनलाइन बुक करवा रहे हैं। यदि आप भी इसे ऑनलाइन बुक कर रहे हैं, तो सतर्क रहें। दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा था। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी और यह गिरोह कैसे लोगों को ठग रहा था।


गिरोह का भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने इस गिरोह को पकड़ा है। यह गिरोह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) बुकिंग के नाम पर लोगों से ठगी करता था। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए फर्जी वेबसाइट बनाई थी और गूगल पर विज्ञापन देकर लोगों को फंसाने का काम किया था।


गूगल पर विज्ञापन के जरिए धोखाधड़ी

पुलिस के अनुसार, गिरोह के सदस्य फर्जी वेबसाइट बनाकर इसे गूगल पर प्रमोट करते थे। इससे लोगों को लगता था कि यह असली वेबसाइट है। वेबसाइट की डिजाइन ऐसी होती थी कि यह सरकारी वेबसाइट जैसी दिखती थी, जिससे असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाता था। इन वेबसाइट्स पर HSRP बुकिंग के नाम पर लोगों से 1200 से 1500 रुपए तक का एडवांस लिया जाता था। भुगतान के लिए UPI QR कोड दिए जाते थे, जो फर्जी पहचान पर बने बैंक खातों से जुड़े होते थे।


आरोपी की गिरफ्तारी

स्पेशल सेल थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज की गई थी। जांच के दौरान गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने तकनीकी और मैनुअल दोनों तरीकों से जांच की। इसके बाद आरोपी ऋषभ गुप्ता को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में ऋषभ ने खुलासा किया कि वह फर्जी वेबसाइट्स का मुख्य ऑपरेटर है।


एक हजार से अधिक शिकायतें

जांच में पुलिस को दूसरे आरोपी कपिल त्यागी का पता चला, जिसे भी गिरफ्तार किया गया। वह इस रैकेट का मास्टरमाइंड निकला और उसके खिलाफ पहले भी ऐसे मामलों में केस दर्ज हैं। पुलिस को NCRP पोर्टल से जुड़ी करीब 1000 से अधिक शिकायतें मिली हैं।


हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की विशेषताएँ

एचएसआरपी प्लेटें विशेष होती हैं, जिनमें लेजर कोड, होलोग्राम और स्नैप-लॉक मेकेनिज्म होता है। ये प्लेटें चोरी और जालसाजी से सुरक्षा प्रदान करती हैं। प्रत्येक प्लेट पर एक विशेष सीरियल नंबर होता है, जिससे वाहन की पहचान होती है। HSRP प्लेट के साथ एक कलर-कोडेड स्टीकर भी होता है, जो पुलिस को वाहन की जानकारी देता है।


हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट कैसे बनवाएं

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को bookmyhsrp.com या siam.in पर जाकर बनवाया जा सकता है। आप ऑफलाइन के लिए आरटीओ में संपर्क कर सकते हैं। वेबसाइट पर कुछ स्टेप्स फॉलो करने होंगे और आपको बताना होगा कि आप इसे कहाँ लेना चाहते हैं। फिर टाइम और स्लॉट बुक करें और पेमेंट कर दें। इंटरनेट पर कई फर्जी वेबसाइट्स मौजूद हैं, जो सरकारी वेबसाइट जैसी दिखती हैं। इसलिए सावधान रहें।