दिल्ली बम धमाके में सुरक्षा एजेंसियों की खोज जारी, दो संदिग्ध फरार
आतंकी वारदात के बाद की स्थिति
पकड़े गए संदिग्धों से पूछताछ जारी
दिल्ली में लाल किले के निकट हुए बम धमाके में 12 लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए। यह घटना तब हुई जब सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही आतंकियों के एक समूह के सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी थीं। इसके बावजूद, आतंकियों ने अपने मंसूबे को अंजाम देने में सफलता प्राप्त की।
सुरक्षा बल अब पकड़े गए संदिग्धों से पूछताछ कर रहे हैं। इस दौरान यह जानकारी सामने आई है कि मुख्य आरोपी उमर के दो साथी अभी भी फरार हैं। स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये संदिग्ध संभवतः दिल्ली-एनसीआर में छिपे हुए हैं।
आतंकी उमर का वारदात में शामिल होना
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अधिकारियों ने बताया कि उमर ने 9 नवंबर की रात 11:30 बजे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर चढ़ाई की। वह फिरोजपुर झिरका गया और वहां से फरीदाबाद होते हुए बदरपुर पहुंचा, जहां से उसने दिल्ली में प्रवेश किया।
आपराधिक पृष्ठभूमि का जावेद अहमद सिद्दीकी
अल फलाह यूनिवर्सिटी के मालिक जावेद अहमद सिद्दीकी (61) पहले चिट फंड के व्यवसाय में शामिल थे और तीन साल जेल में बिताए हैं। उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं, लेकिन बाद में उन्होंने सभी निवेशकों का पैसा लौटा दिया।
धमाके की साजिश का केंद्र
इस बम धमाके की योजना फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में बनाई गई थी। मुख्य आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल पिछले दो वर्षों से आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर दिल्ली में आतंक फैलाने की योजना बना रहा था।
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