दिल्ली ब्लास्ट केस: अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों का आतंकी कनेक्शन उजागर
जांच में नए खुलासे
नई दिल्ली: दिल्ली में हुए ब्लास्ट की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को कई चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं। फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टरों को विदेशी आतंकी हैंडलरों द्वारा बम बनाने के 42 वीडियो भेजे गए थे। इनमें से अधिकांश वीडियो आरोपी डॉ. मुजम्मिल को भेजे गए थे, जो अपने नेटवर्क को प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहा था।
मौलवी इरफान वागे का कनेक्शन
जांच में यह भी सामने आया है कि यह संपर्क मौलवी इरफान वागे के माध्यम से स्थापित हुआ था। वागे का नाम जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टरों पर भी देखा गया था, जिन पर 'कमांडर हंजुल्ला भाई' के हस्ताक्षर थे। ये पोस्टर हाल ही में नौगाम क्षेत्र में चिपकाए गए थे।
सुरक्षा बलों को मिली धमकी
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में स्थित जैश के हैंडलर 'हंजुल्ला' ने डॉ. मुजम्मिल को बम बनाने के तरीकों के वीडियो भेजे, जिनमें सुरक्षा बलों के लिए धमकी भरे संदेश भी शामिल थे। हालांकि, एजेंसियों को अभी तक 'हंजुल्ला' की असली पहचान नहीं मिल पाई है, और यह संभव है कि यह एक फर्जी नाम हो। सुरक्षा बल इन वीडियो और धमकियों के आधार पर उसके नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
तुर्किये में दूसरा हैंडलर
जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि दूसरा प्रमुख हैंडलर उकासा है, जो अंकारा में सक्रिय है। डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर उन नबी ने 2022 में अपनी तुर्किये यात्रा के दौरान उससे संपर्क किया था। यात्रा का उद्देश्य एक बड़े आतंकी प्लान पर निर्देश लेना था।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर कार्रवाई
दिल्ली कार ब्लास्ट और इसके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा होने के बाद, कई एजेंसियां समानांतर जांच कर रही हैं। फरीदाबाद पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।
नई गिरफ्तारियां
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में एक कैब ड्राइवर, एक मौलवी और एक उर्दू शिक्षक को हिरासत में लिया गया है। इनसे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि डॉक्टरों के संपर्क किन-किन लोगों से थे। SIT की टीम में दो सहायक पुलिस आयुक्त, एक निरीक्षक और दो उप-निरीक्षक शामिल हैं, जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े सभी गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है।
