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दिल्ली ब्लास्ट मामले में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन की गिरफ्तारी

दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद कई नए खुलासे हुए हैं। जांच में पता चला है कि बम बनाने के लिए रसायन चोरी किया गया था। इसके अलावा, सिद्दीकी की विदेश यात्रा की योजना और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की भी जांच की जा रही है। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई है।
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दिल्ली ब्लास्ट मामले में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन की गिरफ्तारी

अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी की विदेश यात्रा की योजना

दिल्ली ब्लास्ट अपडेट: 10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोट के मामले में कई नए तथ्य सामने आए हैं। सुरक्षा एजेंसियों की जांच में यह पता चला है कि बम बनाने के लिए आवश्यक रसायन अल-फलाह यूनिवर्सिटी की प्रयोगशाला से चोरी किया गया था। डॉ. शाहीन और मुजम्मिल ने एनआईए की पूछताछ में इस बात को स्वीकार किया है।


डॉ. शाहीन के करीबी लोगों पर छापेमारी

फरीदाबाद की डॉ. शाहीन सईद के करीबी रिश्तेदारों पर उत्तर प्रदेश में एटीएस और एनआईए ने छापे मारे हैं। कानपुर के हितकारी नगर में एक हरियाणा नंबर की कार बरामद की गई है, लेकिन इसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। बताया गया है कि डॉ. शाहीन ब्लास्ट से 25 दिन पहले कानपुर गई थीं।


जवाद सिद्दीकी की गिरफ्तारी और रिमांड

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर 13 दिन की रिमांड पर लिया है। जांच में 9 शेल कंपनियों का पता चला है, जो एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं।


विदेश यात्रा की योजना

जांच में यह भी सामने आया है कि जवाद अहमद सिद्दीकी विदेश जाने की योजना बना रहा था। उसने ऐसे देश में जाने का मन बनाया था, जो भारतीय पासपोर्ट धारकों को ऑन-एराइवल वीजा प्रदान करते हैं। ईडी को उसके ट्रैवल से संबंधित एयर टिकटों और बुकिंग की जानकारी मिली है।


50 बैंक खातों की जांच

जांच के दौरान 50 बैंक खातों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। संदिग्ध लेनदेन के कारण ईडी ने इस राशि को अपराध की आय माना है। अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक आंकड़ा 415 करोड़ रुपये है, और आगे की जांच में और भी बड़ी राशि और संपत्ति का खुलासा हो सकता है।


डॉ. मुजम्मिल की भूमिका

अल-फलाह यूनिवर्सिटी में चल रहे आतंकवादी मॉड्यूल से जुड़ी नई जानकारियाँ सामने आई हैं। डॉ. मुजम्मिल शकील इस नेटवर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था, जो लोगों को शॉर्टलिस्ट कर उन्हें भर्ती करता था।


ब्रेनवॉशिंग का कार्य

नए सदस्यों को शामिल करने के बाद, डॉ. शाहीन सईद और डॉ. उमर नबी उनकी आर्थिक सहायता करते थे और उन्हें ब्रेनवॉश करते थे। मुजम्मिल यह सब मरीजों और अस्पताल के कर्मचारियों के घर जाकर करता था।