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दिल्ली में AAP का उपराज्यपाल की अधिसूचना के खिलाफ जोरदार विरोध

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) ने उपराज्यपाल की उस अधिसूचना का विरोध किया है, जिसमें पुलिस अधिकारियों को थाने से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही देने की अनुमति दी गई है। AAP के नेता इसे न्याय व्यवस्था का मजाक मानते हैं और इसे अवैध बताते हैं। इस अधिसूचना के खिलाफ वकीलों की हड़ताल जारी है, जो न्याय प्रणाली को कमजोर करने की आशंका जताते हैं। जानें इस मुद्दे पर AAP की क्या मांग है और वकील समाज का क्या कहना है।
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दिल्ली में AAP का उपराज्यपाल की अधिसूचना के खिलाफ जोरदार विरोध

AAP का कड़ा विरोध

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) ने उपराज्यपाल द्वारा जारी की गई उस अधिसूचना का तीखा विरोध किया है, जिसमें पुलिस अधिकारियों को थाने से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में गवाही देने की अनुमति दी गई है। AAP के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने इसे न्याय व्यवस्था का मजाक करार दिया और कहा कि यह अधिसूचना अवैध है। उनका कहना है कि पुलिस अधिकारी अब थाने में बैठकर गवाही देंगे, जो न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। इस अधिसूचना के विरोध में दिल्ली की सभी जिला अदालतों में हड़ताल चल रही है।


पुलिस की मनमानी बढ़ने की आशंका

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पुलिस पर पहले से ही झूठे मुकदमे दर्ज करने के आरोप लगते रहे हैं, और अब इस अधिसूचना के बाद उनकी मनमानी और बढ़ेगी। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर पुलिस अधिकारी थाने में बैठकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही देंगे, तो उनकी शपथ कैसे होगी? वकील पुलिस अधिकारी से जिरह कैसे करेंगे? अगर कोई सवाल पूछने पर गवाही प्रभावित होती है, तो पुलिस अधिकारी कैमरा बंद कर देगा और अगली सुनवाई तक तैयार होकर आएगा। यह पूरी व्यवस्था का मजाक है।


न्याय व्यवस्था को खतरा

आम आदमी पार्टी के एडवोकेट विंग के दिल्ली अध्यक्ष संजीव नासियार ने कहा कि इस अधिसूचना से पुलिस को अनियंत्रित शक्ति मिल जाएगी और न्याय प्रणाली कमजोर होगी। जब तक गवाह कोर्ट के सामने नहीं आएगा, उससे जिरह नहीं हो पाएगी और शपथ भी नहीं होगी, जिससे न्याय के अवसर कम हो जाएंगे। नासियार ने बताया कि पहले भी जब केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता लाई थी, तब AAP के एडवोकेट विंग ने इसका विरोध किया था।


वकीलों की हड़ताल जारी

दिल्ली की सभी जिला अदालतों में पुलिस अधिकारियों को थाने से गवाही देने की इस अधिसूचना के खिलाफ तीन दिनों से हड़ताल चल रही है, जो सोमवार तक जारी रहेगी। दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी इस अधिसूचना का कड़ा विरोध किया है और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। वकील समाज ने इस फैसले को न्याय व्यवस्था की हत्या बताया है।


AAP की वापसी की मांग

सौरभ भारद्वाज और संजीव नासियार ने कहा कि दिल्ली में भाजपा सरकार आने के बाद से जनता, मिडिल क्लास, डॉक्टरों और वकीलों को परेशान किया जा रहा है। अब इस अधिसूचना ने न्याय व्यवस्था को पूरी तरह कमजोर कर दिया है। आम आदमी पार्टी की लीगल विंग वकीलों की इस हड़ताल को पूरा समर्थन देगी और केंद्र सरकार तथा उपराज्यपाल से इस अधिसूचना को वापस लेने की मांग करेगी ताकि न्याय व्यवस्था को बचाया जा सके।