दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर विवाद

प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों का प्रवेश वर्जित
प्रेस कॉन्फ्रेंस विवाद: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को प्रवेश नहीं दिया गया, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया है। विपक्षी नेताओं और पत्रकारों ने इस पर भारत सरकार को घेरने का प्रयास किया, लेकिन विदेश मंत्रालय ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम अफगान दूतावास का आंतरिक आयोजन था और इसमें भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी।
महिला पत्रकारों को प्रवेश न देने के कारण सोशल मीडिया पर नाराजगी का इजहार किया गया। कई पत्रकारों और नेताओं ने इसे समानता और भारत की गरिमा के खिलाफ बताया। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को निशाना बनाते हुए सवाल उठाया कि कैसे भारत सरकार ने तालिबान के प्रतिनिधि को महिला पत्रकारों को बाहर रखकर पुरुषों के लिए अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की अनुमति दी।
Govt has dishonoured every single Indian woman by allowing Taliban minister to exclude women journalists from presser. Shameful bunch of spineless hypocrites. pic.twitter.com/xxnqofS6ob
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 10, 2025
प्रियंका गांधी का विरोध
प्रियंका गांधी ने जताया विरोध
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि यह भारत में महिलाओं का अपमान है, क्योंकि महिलाएं देश की रीढ़ और गौरव हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की अपील की।
Prime Minister @narendramodi ji, please clarify your position on the removal of female journalists from the press conference of the representative of the Taliban on his visit to India.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 11, 2025
If your recognition of women’s rights isn’t just convenient posturing from one election to…
तालिबान प्रवक्ता की सफाई
तालिबान सरकार के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता ने दी सफाई
तालिबान सरकार के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता ने इस घटना पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि यह जानबूझकर किया गया कदम नहीं था और इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि मुत्तकी काबुल में नियमित रूप से महिलाओं से मिलते हैं और उन्होंने कई महिला पत्रकारों का इंटरव्यू भी लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि केवल महिला पत्रकार ही नहीं, बल्कि कुछ पुरुष पत्रकारों को भी प्रवेश नहीं दिया गया था।
विदेश मंत्रालय की स्थिति
विदेश मंत्रालय ने दी सफाई
विदेश मंत्रालय की सफाई के बाद यह स्पष्ट हुआ कि प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रवेश नीति का निर्धारण केवल अफगान दूतावास ने किया था। भारत सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं था। इस बयान के बाद विपक्ष और मीडिया में यह बहस जारी रही कि देश में महिला पत्रकारों के अधिकारों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी।