दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

आवारा पशुओं की बढ़ती समस्या
आवारा कुत्तों के मामलों में न्यायपालिका को हस्तक्षेप करना पड़ा है, जो इस बात का संकेत है कि समस्या अब असहनीय स्तर तक पहुँच चुकी है, जिस पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। अन्यथा, भविष्य में लोगों को इसके लिए और अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के नगरपालिका अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अगले आठ हफ्तों में राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाएं। इसके साथ ही, कोर्ट ने इन कुत्तों के लिए विशेष शेल्टर बनाने का आदेश भी दिया है। इसी तरह, राजस्थान हाई कोर्ट ने भी नगर निकायों को आवारा कुत्तों और अन्य पशुओं को सड़कों से हटाने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि कोई इस कार्य में बाधा डालता है, तो नगर निकाय अधिकारी एफआईआर दर्ज कर सकते हैं। इन आदेशों के पीछे का तर्क समझा जा सकता है, क्योंकि हाल ही में आवारा कुत्तों के हमलों में कई जानें गई हैं। 2024 में देशभर में आवारा कुत्तों के काटने के 37 लाख मामले दर्ज हुए हैं, जो कि वास्तविकता का सही चित्रण नहीं है, क्योंकि आमतौर पर लोग ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट पुलिस में नहीं करते।
दिल्ली में एक बच्चे की दर्दनाक मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया और उपरोक्त आदेश जारी किया। हाल के वर्षों में, एक्सप्रेस-वे से लेकर गली-मोहल्लों तक आवारा पशुओं का विचरण एक बड़ी समस्या बन चुका है, जिससे सड़क हादसों की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि न्यायपालिका ने उचित हस्तक्षेप किया है। लेकिन क्या इस हस्तक्षेप से वास्तव में समस्या का समाधान हो पाएगा? यह सवाल इसलिए उठता है, क्योंकि नगर प्रशासन आवारा कुत्तों के साथ क्या करेगा?
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में चार से आठ लाख तक आवारा कुत्ते हैं। उनके लिए हजारों शेल्टर बनाने की आवश्यकता होगी। लेकिन इसके लिए जमीन और धन का प्रबंधन कैसे होगा? इसके अलावा, आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या के पीछे राजनीतिक कारण भी हैं। यह संभावना कम है कि राजनीतिक नेता न्यायपालिका की भावना को समझेंगे। फिर भी, यदि न्यायपालिका को इन मुद्दों पर हस्तक्षेप करना पड़ा है, तो यह स्पष्ट है कि समस्या अब असहनीय स्तर तक पहुँच चुकी है, जिस पर सभी को गंभीरता से ध्यान देना होगा। अन्यथा, भविष्य में लोगों को इसके लिए और भी महंगी कीमत चुकानी पड़ सकती है।