दिल्ली में कार विस्फोट: क्या है फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का कनेक्शन?
दिल्ली में हुआ भयानक कार विस्फोट
नई दिल्ली: सोमवार शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट हुए कार विस्फोट को अब एक आतंकी हमले के रूप में देखा जा रहा है। इस घटना में आठ लोगों की जान गई और लगभग 20 अन्य घायल हुए। जांच एजेंसियों का मानना है कि कार में पहले से विस्फोटक सामग्री रखी गई थी और यह धमाका पूर्व नियोजित था।
आत्मघाती हमले की आशंका
सूत्रों के अनुसार, यह हमला संभवतः आत्मघाती तरीके से किया गया। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि इस हमले का संबंध फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से हो सकता है, जिसे हाल ही में उजागर किया गया था।
कार में मिले शव की पहचान
जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उस कार में मिले जले हुए शव की पहचान है। पुलिस ने DNA परीक्षण का आदेश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्या मृतक वही व्यक्ति है जिसे एजेंसियां लंबे समय से खोज रही थीं। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट से पहले के CCTV फुटेज में एक व्यक्ति काले मास्क में कार चलाता हुआ दिखाई दे रहा है, जिसे उमर के रूप में पहचाना जा रहा है।
उमर की भूमिका की जांच
सूत्रों के अनुसार, धमाके के समय कार में केवल उमर ही मौजूद था। बताया गया है कि उसने अपने दो सहयोगियों के साथ इस हमले की योजना बनाई थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फरीदाबाद मॉड्यूल में लगातार गिरफ्तारियों के कारण उमर ने घबराकर कार में डेटोनेटर सक्रिय किया और धमाका कर दिया।
कार का रूट मैपिंग
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कार की CCTV रूट मैपिंग की है। जांच में पता चला है कि कार आखिरी बार बदरपुर बॉर्डर पर देखी गई थी, जहां से यह दिल्ली में प्रवेश की। इसके बाद यह लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास पहुंची, जहां विस्फोट हुआ।
पुलवामा कनेक्शन
जांच में यह भी सामने आया है कि जिस I20 कार का उपयोग किया गया, वह कई बार मालिक बदल चुकी थी। कार का सफर इस प्रकार बताया गया है कि यह पहले सलमान की थी, फिर नदीम को बेची गई, और अंततः पुलवामा के उमर को दी गई। कार गुरुग्राम नॉर्थ RTO में रजिस्टर्ड थी। पुलिस ने पुलवामा निवासी तारिक और इस डील से जुड़े आमिर को हिरासत में लिया है।
पुलिस के प्रारंभिक बयान
शुरुआती बयानों में पुलिस ने कहा था कि कार में तीन लोग थे, लेकिन अब जांच से पता चलता है कि कार में केवल उमर ही था। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि घायलों के शरीर में कोई छर्रे नहीं मिले, जो सामान्य IED विस्फोटों में पाए जाते हैं। एजेंसियां सभी विस्फोटक सामग्रियों की जांच कर रही हैं।
फरीदाबाद मॉड्यूल का खुलासा
जांच में शामिल अधिकारियों के अनुसार, यह मॉड्यूल प्रतिबंधित संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद से प्रभावित था। गिरफ्तार आरोपियों में डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई, डॉ. आदिल अहमद राथर, और डॉ. शाहीन शाहिद शामिल हैं। फरीदाबाद में बरामद सामग्री में 2,900 किलो विस्फोटक और कई संदिग्ध वस्तुएं शामिल हैं। FSL की पहली रिपोर्ट में अमोनियम नाइट्रेट के अंश मिलने की संभावना जताई गई है।
