दिल्ली में केरल के छात्रों पर हमला: सांसद ने की निष्पक्ष जांच की मांग

दिल्ली में केरल के छात्रों के साथ हिंसा
दिल्ली में केरल छात्रों का मामला: दिल्ली के लालकिले के निकट दो छात्रों के साथ हुई मारपीट ने सांस्कृतिक और भाषाई असहिष्णुता के मुद्दे को उजागर किया है। माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा को पत्र लिखकर इस घटना की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की है। यह घटना 24 सितंबर को हुई, जब जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज के छात्र अश्वनाथ आई टी और सुधिन पर चोरी के झूठे आरोप में स्थानीय भीड़ और पुलिस द्वारा हमला किया गया।
ब्रिटास ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि छात्रों को पहले स्थानीय लोगों ने घेर लिया और फिर पुलिस ने भीड़ का समर्थन किया। छात्रों को घसीटा गया, फाइबर लाठियों से पीटा गया, और उनके कपड़े उतारकर अपमानित किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने छात्रों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए और एक छात्र की चप्पल भी ले ली गई। ब्रिटास के अनुसार, पुलिस थाने के अंदर भी छात्रों पर हमला जारी रहा और स्थानीय लोगों को मारपीट में शामिल होने दिया गया।
सांसद ब्रिटास के आरोप
सांसद ने यह भी कहा कि छात्रों से जबरन झूठे बयान लिखवाए गए और उन्हें बार-बार हिंदी न बोलने के कारण अपमानित किया गया। जब छात्रों ने अंग्रेजी में अपनी बात समझाने की कोशिश की, तब भी उन्हें फिर से पीटा गया। ब्रिटास ने इसे सांस्कृतिक पूर्वाग्रह और असंवैधानिक दबाव का एक गंभीर मामला बताते हुए कहा कि यह भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता पर सीधा हमला है।
CPI(M) MP John Brittas (@JohnBrittas) writes to Delhi Police Commissioner alleging Police assault and humiliation of two students from Kerala in Delhi, says they were brutally beaten, dragged, and stripped not only by locals but also by police personnel. pic.twitter.com/l3w7FBjUSv
— Press Trust of India (@PTI_News) September 26, 2025
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
उन्होंने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के बजाय पुलिस ने भीड़ का समर्थन किया। सांसद ने चेतावनी दी कि यदि ऐसे मामलों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो यह देश की एकता और संविधान की मूल भावना पर गंभीर असर डाल सकता है। उन्होंने मामले की स्वतंत्र जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है।