दिल्ली में 'गॉडमैन' स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती की जमानत याचिका खारिज, गंभीर आरोपों का सामना

स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती की जमानत याचिका पर कोर्ट का फैसला
स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती: नई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। उन पर एक निजी प्रबंधन संस्थान की 17 छात्राओं को अश्लील संदेश भेजने, मानसिक उत्पीड़न करने और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने इस मामले में जमानत देने से इनकार किया।
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने स्वामी के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिसमें धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेजों का उपयोग और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया है ताकि वह देश से भाग न सके।
सीसीटीवी से छात्राओं की निगरानी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 62 वर्षीय स्वामी छात्राओं पर नजर रखने के लिए हॉस्टल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों का उपयोग करता था। वह छात्राओं को 'Baby, I love you' और 'I adore you' जैसे आपत्तिजनक संदेश भेजता था और उन्हें अपने क्वार्टर में आने के लिए मजबूर करता था।
पुलिस की जांच और छापेमारी
दिल्ली पुलिस ने स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती की कार जब्त कर ली है और उसकी डैशकैम फुटेज की जांच की जा रही है। पुलिस की टीमें विभिन्न राज्यों में छापेमारी कर रही हैं। एक अधिकारी ने बताया कि उसकी आखिरी लोकेशन मुंबई में पाई गई है, जहां पुलिस की एक टीम भेजी गई है।
पीड़िताओं के आरोप
FIR में एक छात्रा ने आरोप लगाया कि उसने अक्टूबर 2024 में संस्थान जॉइन किया और उसके बाद उत्पीड़न शुरू हो गया। उसने बताया कि स्वामी ने उसे प्रेरित करने के बजाय निरुत्साहित किया। पीड़िता ने कहा कि उसने पैर की हड्डी में हेयरलाइन फ्रैक्चर होने के बाद एक्स-रे रिपोर्ट स्वामी को भेजी, जिसके बाद से वह लगातार अनुचित संदेश भेजने लगा।
धमकियों का सामना
जब पीड़िता ने इन संदेशों को नजरअंदाज किया, तो स्वामी ने फैकल्टी सदस्यों को बीच में लाकर दबाव डाला। शिकायत में कहा गया है कि जब भी उसने विरोध किया, स्वामी ने उसे हल्द्वानी के एसपी से कार्रवाई कराने की धमकी दी।