दिल्ली में जल संकट: यमुना का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन ने उठाए एहतियाती कदम
दिल्ली में जल संकट की स्थिति
दिल्ली एक बार फिर जल संकट का सामना कर रही है। मंगलवार सुबह यमुना नदी का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर 205.80 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है। इसके परिणामस्वरूप, कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। प्रशासन की कोशिशों के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।यमुना का जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण केवल बारिश नहीं है, बल्कि हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी का भी योगदान है। सुबह 8 बजे तक नदी का स्तर 205.80 मीटर पर दर्ज किया गया, और शाम तक यह 206 मीटर तक पहुंचने की संभावना है।
प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, हथिनी कुंड बैराज से 1.76 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि वज़ीराबाद बैराज से 69,210 क्यूसेक और ओखला बैराज से 73,619 क्यूसेक पानी बह रहा है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि यमुना का जलस्तर अभी भी बढ़ने की संभावना है।
बीती रात हुई भारी बारिश ने दिल्ली-एनसीआर में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी। कई क्षेत्रों में जाम की स्थिति उत्पन्न हुई और कुछ रिहायशी कॉलोनियों में पानी घुस गया। दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर लंबी गाड़ियों की कतारें देखी गईं।
प्रशासन ने यमुना के किनारे रहने वाले लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। राहत शिविरों की व्यवस्था भी तेजी से की जा रही है।
शाहदरा जिला प्रशासन ने लोहा पुल पर यातायात बंद करने का निर्णय लिया है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि सरकार पूरी तरह से सतर्क है और जरूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को आसमान में बादल छाए रहेंगे और मध्यम बारिश की संभावना है। दिन का अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
अगस्त 2025 अब तक के 15 वर्षों में सबसे अधिक बारिश वाला महीना बन गया है, जिसमें 399.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है। प्रशासन लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और SDRF व पुलिस की टीमें तैनात की गई हैं। राहत शिविरों में पीने के पानी, भोजन और प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं का इंतज़ाम किया जा रहा है।