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दिल्ली में जुलाई 2025 में वायु गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार

दिल्ली ने जुलाई 2025 में पिछले एक दशक में सबसे स्वच्छ हवा का अनुभव किया है, जिसमें औसत AQI 79 रहा। लगातार बारिश और नीतिगत प्रयासों के कारण हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून की तीव्रता इस सुधार का मुख्य कारण है। जानें इस विषय पर और क्या कहते हैं विशेषज्ञ और सरकार के अधिकारी।
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दिल्ली में जुलाई 2025 में वायु गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार

दिल्ली की हवा में सुधार का नया रिकॉर्ड

दिल्ली ने जुलाई 2025 में पिछले एक दशक में सबसे स्वच्छ हवा का अनुभव किया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस महीने का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 79 रहा, जो कि 'संतोषजनक' श्रेणी में आता है।


बारिश का योगदान

यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में सबसे कम है, जो हवा की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार को दर्शाता है। विशेषज्ञों और अधिकारियों का मानना है कि लगातार बारिश और कुछ नीतिगत प्रयास इसके मुख्य कारण हैं।


23 दिनों की बारिश ने किया असर


CPCB के अनुसार, जुलाई 2025 में 31 में से 23 दिन बारिश हुई, जिससे वायुमंडल में प्रदूषक तत्वों का बहाव हुआ। इससे हवा की गुणवत्ता में स्पष्ट सुधार देखने को मिला। 30 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने दिल्ली में 28 दिन संतोषजनक और 2 दिन मध्यम श्रेणी में दर्ज किए गए। 15 जुलाई को सबसे स्वच्छ हवा दर्ज की गई, जब AQI केवल 51 रहा, जो अच्छी श्रेणी के करीब था। इसके विपरीत, 26 जुलाई को AQI 136 था, जो महीने का सबसे खराब दिन था.


पिछले वर्षों की तुलना

AQI गणना प्रणाली की शुरुआत अप्रैल 2015 से हुई थी। तब से लेकर अब तक जुलाई महीने में हवा की गुणवत्ता कभी इतनी बेहतर नहीं रही। पिछले वर्षों में जुलाई का औसत AQI इस प्रकार रहा है:


2015: 138.13
2016: 145.64
2017: 98.39
2018: 103.83
2019: 134
2020: 83.80
2021: 110.06
2022: 87.29
2023: 83.67
2024: 96
2025: 79


इस वर्ष अब तक दिल्ली में 118 दिन अच्छी, संतोषजनक या मध्यम वायु गुणवत्ता वाले दर्ज हुए हैं, जो पिछले वर्ष 2024 के पूरे साल के कुल दिनों के बराबर है।


सुधार के पीछे के कारण

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह सुधार केवल मौसम का परिणाम नहीं है, बल्कि सरकार के बहु-स्तरीय प्रयासों का भी नतीजा है। उन्होंने बताया कि लैंडफिल प्रबंधन, सफाई अभियान और परिणाम-आधारित निगरानी जैसे कदमों से हवा की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।


विशेषज्ञों की राय

हालांकि, पर्यावरण विशेषज्ञ सरकार के दावे से पूरी तरह सहमत नहीं हैं। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा कि मानसून की तीव्रता इस सुधार का मुख्य कारण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारी और लगातार बारिश प्रदूषकों को वातावरण से धोकर हटा देती है। साथ ही, उन्होंने यह भी जोड़ा कि मानसून के दौरान नीतिगत प्रभाव का सही मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। असल तस्वीर सर्दियों में सामने आएगी, जब प्रदूषण अपने चरम पर होता है।


बारिश का स्तर

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दिल्ली में जुलाई के लिए निर्धारित औसत बारिश 209.7 मिमी है, जबकि 30 जुलाई की सुबह तक सफदरजंग केंद्र पर 220.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। शाम 5:30 बजे तक और 15 मिमी बारिश हुई। पालम में इस अवधि में कुल 32.9 मिमी और पूसा केंद्र पर 50 मिमी से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। जनकपुरी, मंगोलपुरी और अन्य इलाकों में भी हल्की से मध्यम बारिश दर्ज हुई। मौसम विभाग ने 1 अगस्त तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है.