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दिल्ली में जुलाई में वायु गुणवत्ता में सुधार: बारिश या नीतियों का असर?

दिल्ली में जुलाई 2025 में वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है, जो पिछले एक दशक में सबसे अच्छा है। इस सुधार का मुख्य कारण लगातार बारिश है, जिसने प्रदूषकों को धोकर हटा दिया। हालांकि, सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यह नीतियों का भी परिणाम है। जानें इस सुधार के पीछे की असली वजह और इसके प्रभावों के बारे में।
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दिल्ली की हवा में सुधार

दिल्ली के निवासियों ने जुलाई में एक असामान्य अनुभव किया, जब उन्हें अपेक्षाकृत साफ हवा का सामना करना पड़ा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने में दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले एक दशक में सबसे अच्छी रही। लेकिन इस सुधार का असली कारण क्या है? क्या यह बेहतर नीतियों का परिणाम है या फिर मौसम की मेहरबानी?


जुलाई में लगातार बारिश ने दिल्ली की हवा को कई स्तरों पर शुद्ध किया। पूरे महीने में 31 में से 23 दिन बारिश हुई, जिससे वायुमंडल में मौजूद प्रदूषक कण बह गए। इसके परिणामस्वरूप हवा की पारदर्शिता में वृद्धि हुई और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 79 तक गिर गया, जो कि "संतोषजनक" श्रेणी में आता है। यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में काफी बेहतर है — 2024 में AQI 96 और 2023 में 83.67 था। 2016 के 145.64 के उच्चतम जुलाई AQI के मुकाबले यह आंकड़ा उल्लेखनीय रूप से कम है।


इस हवा की बेहतरी का असर आम लोगों की दिनचर्या पर भी पड़ा है। विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के मरीजों ने राहत की सांस ली। पार्कों और खुली जगहों पर टहलने वालों की संख्या में वृद्धि हुई और अस्पतालों में श्वास संबंधी बीमारियों की रिपोर्टिंग में कमी आई।


दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने हवा में सुधार का श्रेय सरकार की बहु-स्तरीय कार्रवाई को दिया। उन्होंने इसे केवल मानसून का परिणाम नहीं, बल्कि स्वच्छता अभियानों, लैंडफिल प्रबंधन और नीतिगत दृढ़ता का परिणाम बताया।


हालांकि, पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुधार अस्थायी है और मुख्य भूमिका मानसून की है, जिसने प्रदूषकों को धोकर हटा दिया। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की अनुमिता रॉयचौधरी ने चेताया कि मानसून के दौरान प्राप्त आंकड़ों से स्थायी नीतिगत सुधारों का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता।


सफदरजंग मौसम केंद्र ने 30 जुलाई तक 220.2 मिमी बारिश दर्ज की, जो कि जुलाई की दीर्घकालिक औसत 209.7 मिमी से अधिक है। दिनभर हुई बारिशों को मिलाकर यह आंकड़ा और बढ़ा। राजधानी के अन्य क्षेत्रों जैसे पालम, पूसा और जनकपुरी में भी लगातार हल्की से मध्यम बारिश होती रही, जिससे पूरे शहर का पर्यावरण कुछ दिन के लिए ही सही, पर सांस लेने लायक बना।