दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या का स्थायी समाधान

केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर करेंगे समाधान
दिल्ली में प्रदूषण और ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान
नई दिल्ली: दिल्ली में स्थानीय निवासियों और बाहर से आने वाले लोगों के लिए प्रदूषण और ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या बन गई है। इन मुद्दों से निपटने के लिए, दिल्ली सरकार और केंद्र ने मिलकर 24,000 करोड़ रुपये की एक कार्य योजना तैयार की है। इस योजना का उद्देश्य अगले दो से तीन वर्षों में जाम की समस्या को समाप्त करना है।
ट्रैफिक दबाव को कम करने की योजना
दिल्ली में ट्रैफिक जाम की पुरानी समस्या को हल करने के लिए, केंद्र और दिल्ली सरकार ने 24,000 करोड़ रुपये की एक बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर योजना को मंजूरी दी है। इसका लक्ष्य न केवल ट्रैफिक को कम करना है, बल्कि प्रदूषण पर भी नियंत्रण पाना है। इस योजना के अंतर्गत दिल्ली-एनसीआर में टनल, फ्लाईओवर, मेट्रो एक्सटेंशन और नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
इन परियोजनाओं से यात्रा को सुगम बनाया जाएगा और ट्रैफिक में लगने वाले समय को कम किया जाएगा। इन कार्यों की शुरुआत 2025 से चरणबद्ध तरीके से होगी और 2027 तक इन्हें पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मेट्रो एक्सटेंशन की योजना
इस योजना का एक प्रमुख प्रोजेक्ट मजलिस पार्क से मौजपुर तक 12.3 किलोमीटर लंबा पिंक लाइन मेट्रो एक्सटेंशन है। इसके पूरा होने से पिंक लाइन का सर्कुलर रूट तैयार होगा, जिससे यात्री बिना मेट्रो लाइन बदले पूरे शहर में आसानी से यात्रा कर सकेंगे।
इसके अलावा, दक्षिण दिल्ली में एम्स से महिपालपुर बायपास तक एक नया एलीवेटेड कॉरिडोर भी बनेगा, जिससे एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान होगा।
एक और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शिव मूर्ति से वसंत कुंज तक 5 किलोमीटर लंबी टनल का निर्माण है, जो नेशनल हाईवे 48 को महिपालपुर और वसंत कुंज से जोड़ेगी। इससे भारी वाहनों की आवाजाही वाले क्षेत्रों में ट्रैफिक का दबाव कम होने की उम्मीद है।