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दिल्ली में दिवाली पर वायु प्रदूषण: पिछले साल से बेहतर लेकिन स्थिति गंभीर

इस साल दिवाली पर दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर पिछले साल की तुलना में कम रहा, जिससे नागरिकों को थोड़ी राहत मिली है। हालांकि, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अब भी 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी के बीच बना हुआ है। कुछ क्षेत्रों में स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि अन्य में सुधार देखा गया है। जानें इस विषय पर और अधिक जानकारी और भविष्य की स्थिति के बारे में।
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दिल्ली में दिवाली पर वायु प्रदूषण: पिछले साल से बेहतर लेकिन स्थिति गंभीर

दिल्ली में दिवाली की रात का वायु प्रदूषण


इस बार दिवाली की रात दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर पिछले साल की तुलना में कम रहा, जिससे नागरिकों को थोड़ी राहत मिली है। फिर भी, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी के बीच बना हुआ है, जो चिंता का विषय है।


दिल्ली की हवा में कमी

सोमवार रात दिवाली के जश्न के बाद, मंगलवार सुबह लगभग 5 बजे दिल्ली का AQI 300 से 350 के बीच दर्ज किया गया। यह आंकड़ा पिछले साल 31 अक्टूबर 2024 की दिवाली रात के AQI 600 से 900 के मुकाबले लगभग आधा है। द्वारका सेक्टर में AQI 338, बुराड़ी में 387, आईजीआई एयरपोर्ट पर 299, और अन्य क्षेत्रों में भी AQI के स्तर में कमी देखी गई।


कुछ क्षेत्रों में गंभीर स्थिति

सुबह 6 बजे के आसपास, कुछ इलाकों में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई। बवाना में AQI 418, वजीरपुर में 408, और जहांगीरपुरी में 404 दर्ज किया गया। सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली का औसत AQI 346 रहा।


पिछले साल की तुलना में स्थिति में सुधार

पिछले साल दिवाली की रात दिल्ली-एनसीआर में AQI 900 से ऊपर चला गया था। इस बार की दिवाली कम जहरीली रही, लेकिन स्थिति अब भी सामान्य नहीं कही जा सकती।


दिवाली के दिन की स्थिति

इस वर्ष दिवाली के दिन, सीपीसीबी के 38 निगरानी स्टेशनों में से 34 पर वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' या 'गंभीर' श्रेणी में रही। शाम 4 बजे दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI 345 रहा।


भविष्य की स्थिति

निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS) के अनुसार, दिवाली के दिन प्रदूषण में वाहनों का योगदान 15.6% और औद्योगिक स्रोतों का 23.3% रहा। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पहले ही GRAP के दूसरे चरण के नियम लागू कर दिए हैं।


सुप्रीम कोर्ट की शर्तें

सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी थी, जिसमें दिवाली के दिन सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति थी।