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दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर रोक: क्या यह वायु प्रदूषण का समाधान है?

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पुरानी गाड़ियों को फ्यूल स्टेशनों से दूर रखने का निर्णय लिया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि केवल गाड़ियों की उम्र के आधार पर प्रदूषण का आकलन करना सही नहीं है। इस कदम का सबसे अधिक प्रभाव गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों पर पड़ेगा, जिनके पास नई गाड़ी खरीदने की क्षमता नहीं है। जानें इस मुद्दे पर विशेषज्ञों की राय और संभावित समाधान के बारे में।
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दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर रोक: क्या यह वायु प्रदूषण का समाधान है?

दिल्ली सरकार का नया कदम

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पुरानी गाड़ियों को फ्यूल स्टेशनों से दूर रखने का निर्णय लिया है। लेकिन, यह समझना आवश्यक है कि किसी वाहन से कितना प्रदूषण निकल रहा है, केवल उसकी उम्र के आधार पर नहीं किया जा सकता। दिल्ली जैसे महानगर में, जहां प्रदूषण के कई स्रोत हैं जैसे निर्माण कार्य, फैक्ट्रियां, पराली जलाना और मौसम की स्थिति, वहां केवल गाड़ियों पर रोक लगाना पर्याप्त नहीं होगा।


विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि पुरानी गाड़ियां PM2.5 जैसे सूक्ष्म कणों का लगभग 28% और सल्फर डाइऑक्साइड का 41% उत्सर्जन करती हैं। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि गाड़ियों की तकनीक पर ध्यान दिया जाए। 2020 में BS-VI मानक लागू होने के बाद, गाड़ियों से निकलने वाला प्रदूषण पहले की तुलना में कम हुआ है। मौजूदा प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUC) प्रणाली भी अधूरी है, क्योंकि यह नाइट्रोजन ऑक्साइड या PM2.5 की जांच नहीं करती। जब तक इस प्रणाली को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मजबूत नहीं किया जाएगा, तब तक केवल फ्यूल भरवाने पर रोक लगाने से दिल्ली की हवा साफ नहीं हो पाएगी।


मिडिल क्लास पर प्रभाव

मिडिल क्लास लोगों पर होगा असर

इस निर्णय का सबसे अधिक प्रभाव उन लोगों पर पड़ेगा जो पुरानी गाड़ियां चला रहे हैं, विशेषकर गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों पर। उनके पास नई गाड़ी खरीदने की आर्थिक क्षमता नहीं होती और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन अभी तक इतना सुविधाजनक और सस्ता नहीं है कि हर कोई उस पर निर्भर हो सके। इसके अलावा, यदि पुरानी गाड़ियां सही रख-रखाव में हों, तो वे नई गाड़ियों की तुलना में कम प्रदूषण कर सकती हैं। इसलिए, केवल गाड़ी की उम्र के आधार पर उसे फ्यूल स्टेशन से रोकना उचित नहीं लगता।


समाधान की आवश्यकता

क्या है समाधान?

दिल्ली की जहरीली हवा इंसानों की उम्र को 10 से 12 साल तक घटा रही है। ऐसे में सरकार को बहु-स्तरीय समाधान अपनाने की आवश्यकता है। इसमें सभी प्रकार की गाड़ियों की सख्त प्रदूषण जांच, स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देना, निर्माण कार्य और उद्योगों से निकलने वाली धूल और धुएं पर कड़ा नियंत्रण, पराली जलाने पर अन्य राज्यों के साथ मिलकर कठोर नीति बनाना और सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करना शामिल है। जब तक इन मूल कारणों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक पुरानी गाड़ियों पर रोक केवल एक दिखावटी कदम साबित होगा।