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दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश: BS-IV और BS-VI पर ही मिलेगी राहत

दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने पुरानी गाड़ियों के संबंध में अपने आदेश में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब केवल BS-IV और BS-VI मानकों वाली गाड़ियों को राहत मिलेगी, जबकि BS-III और उससे पुराने इंजन वाली गाड़ियों पर सख्ती जारी रहेगी। इस निर्णय से लाखों पुरानी गाड़ियों पर कार्रवाई का रास्ता खुल गया है। जानें इस आदेश का क्या मतलब है और दिल्ली सरकार का इस पर क्या कहना है।
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दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश: BS-IV और BS-VI पर ही मिलेगी राहत

सुप्रीम कोर्ट का नया निर्णय


नई दिल्ली: दिल्ली में पुरानी गाड़ियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों के लिए दी गई राहत अब सभी वाहनों पर लागू नहीं होगी। यह छूट केवल BS-IV और BS-VI मानकों वाली गाड़ियों तक सीमित रहेगी।


इस नए आदेश के परिणामस्वरूप दिल्ली और NCR में लाखों पुरानी गाड़ियों पर फिर से कार्रवाई की जा सकेगी। कोर्ट के इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रदूषण के मद्देनजर BS-III और उससे पुराने इंजन वाली गाड़ियों के खिलाफ सख्ती जारी रहेगी।


सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय क्यों बदला?

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्य बागची और जस्टिस विपुल एम पंचोली की पीठ ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) की याचिका पर यह आदेश देते हुए कहा कि केवल BS-IV और BS-VI मानकों वाली गाड़ियां ही, यदि 15 साल से अधिक पुरानी हैं, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसका अर्थ है कि BS-IV से पहले की पुरानी गाड़ियों पर अब सख्ती से नियम लागू किए जा सकते हैं।


कितनी गाड़ियां होंगी प्रभावित?

भारत में 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों में आमतौर पर BS-III इंजन लगे होते हैं। इस आदेश का असर बेहद बड़ा है:



  • 14.7 लाख से ज्यादा BS-I गाड़ियां


  • 38.7 लाख से ज्यादा BS-II गाड़ियां


  • 53.7 लाख से ज्यादा BS-III गाड़ियां


  • इनमें कारें, दोपहिया, तिपहिया, बसें और मालवाहक वाहन शामिल हैं।



पहले सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?

इससे पहले 12 अगस्त के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल और 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल गाड़ियों के खिलाफ जबरन कार्रवाई न की जाए। लेकिन मौजूदा वायु गुणवत्ता (AQI) को देखते हुए कोर्ट ने अब BS-IV से पहले की गाड़ियों पर कार्रवाई की अनुमति दे दी है।


दिल्ली सरकार का क्या कहना है?

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि फिलहाल BS-VI से नीचे की गाड़ियां दिल्ली में एंट्री नहीं कर सकतीं हैं। बिना वैध PUC सर्टिफिकेट के ईंधन नहीं मिलेगा। दिल्ली में रजिस्टर्ड BS-IV डीजल गाड़ियों को नहीं रोका जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश का अध्ययन किया जा रहा है।


CAQM ने BS-III गाड़ियों पर क्यों जताई चिंता?

CAQM ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पुराने इंजन वाली गाड़ियां प्रदूषण में बड़ा योगदान देती हैं और इन्हें किसी तरह की छूट नहीं मिलनी चाहिए। CAQM के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली-NCR में 2.88 करोड़ वाहन सड़कों पर हैं। इनमें से 93% हल्के वाहन (कार और दोपहिया) हैं, और करीब 37% वाहन BS-III या उससे पुराने हैं।


पुरानी गाड़ियों से प्रदूषण कितना ज्यादा फैलता है?

CAQM द्वारा कोर्ट में पेश डेटा के अनुसार BS-III और उससे पुराने वाहन:



  • 2.5 से 31 गुना ज्यादा पार्टिकुलेट मैटर


  • 6.25 से 12 गुना ज्यादा नाइट्रोजन ऑक्साइड


  • 1.28 से 5.4 गुना ज्यादा कार्बन मोनोऑक्साइड



उत्सर्जित करते हैं। एमिकस क्यूरी सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने कोर्ट को बताया कि BS-IV मानक 2010 में लागू हुए थे, जबकि BS-III मॉडल उससे पहले के हैं।


इस फैसले का क्या मतलब है?

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश स्पष्ट संकेत देता है कि दिल्ली-NCR में प्रदूषण से निपटने के लिए अब पुरानी गाड़ियों पर कोई ढील नहीं दी जाएगी, सिवाय उन गाड़ियों के जो BS-IV या BS-VI मानकों पर खरी उतरती हैं।