दिल्ली में प्रदूषण का बढ़ता संकट: सर्वे से हुए चौंकाने वाले खुलासे
दिल्ली की जहरीली हवा का कारण
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है। साल भर प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना रहता है, लेकिन सर्दियों में यह और भी बढ़ जाता है, जिससे हवा जहरीली हो जाती है।
पहले इसे पड़ोसी राज्यों में धान के अवशेषों को जलाने का परिणाम माना जाता था, लेकिन इस बार ऐसे मामलों में कमी आई है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण आंतरिक हैं। एक हालिया सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि दिल्ली की हवा में मौजूद जहरीले तत्व स्थानीय स्रोतों से उत्पन्न हो रहे हैं।
प्रदूषण के प्रमुख कारण
वाहनों का योगदान राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण फैलाने में दोपहिया वाहनों का सबसे बड़ा हाथ है, जो कुल 78.45 प्रतिशत प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। इसके बाद कारों का स्थान है, जो 17.06 प्रतिशत प्रदूषण फैलाती हैं।
यातायात पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 14 अक्टूबर, 2025 को ग्रेप लागू होने के बाद से 105516 चालान किए गए हैं, जिनमें से 82774 दोपहिया वाहनों के हैं। इसके अलावा, 18579 कारों, 1266 थ्री-व्हीलरों और 79 बसों के चालान भी किए गए हैं।
दिल्ली में वाहनों की संख्या
वाहनों की पंजीकरण संख्या 2023 के अंत तक दिल्ली में 79.5 लाख वाहन पंजीकृत थे, जिनमें 20.7 लाख निजी कारें शामिल हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, एक समय में दिल्ली में 1.5 करोड़ से अधिक वाहन पंजीकृत थे।
हालांकि, हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि अब यह संख्या कम हो गई है। हल्के माल वाहनों के 1615 चालान किए गए हैं, जबकि भारी माल वाहनों के 253 चालान किए गए हैं।
दिल्ली में वाहनों की विविधता
हाल के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 79.5 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें 20.7 लाख निजी कारें शामिल हैं। कुल वाहनों की संख्या 1.5 करोड़ से अधिक हो सकती है, जिसमें दोपहिया वाहन (51 लाख से अधिक), मालवाहक वाहन (3.51 लाख से अधिक) और अन्य प्रकार के वाहन शामिल हैं।
