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दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदमों का सकारात्मक प्रभाव

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं, जिनकी प्रभावशीलता की आज व्यापक निगरानी की गई। इस दौरान, राजधानी की सड़कों पर वाहनों की संख्या में कमी आई और कई चालक स्वयं प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र बनवाते हुए नजर आए। सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत सघन प्रवर्तन अभियान चलाया, जिसमें हजारों चालान किए गए। इसके अलावा, सड़क धूल को नियंत्रित करने के लिए एंटी-स्मॉग गन और स्प्रिंकलर का उपयोग किया जा रहा है। इन उपायों का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और आम लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है।
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दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदमों का सकारात्मक प्रभाव

वाहनों की संख्या में कमी और पीयूसी के प्रति जागरूकता

दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों की प्रभावशीलता की जांच


नई दिल्ली: राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा लागू किए गए सख्त उपायों की आज व्यापक निगरानी की गई। अधिकारियों का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए जारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया है और विभिन्न विभागों ने मिलकर कार्य किया। इस दौरान, प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सघन प्रवर्तन अभियान चलाया गया।


मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और विभागों से प्राप्त फीडबैक की समीक्षा की। उन्होंने यह स्वीकार किया कि सरकार के उपायों का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभागों ने मिलकर सघन प्रवर्तन अभियान चलाया। आज, राजधानी की सड़कों पर सामान्य दिनों की तुलना में वाहनों की संख्या कम देखी गई। इसके साथ ही, कई वाहन चालक स्वयं प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) बनवाते हुए नजर आए, जिसे सरकार ने जागरूकता का सकारात्मक संकेत माना।


दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू है, जिसके तहत सघन जांच अभियान चलाए गए और नियमों के उल्लंघन पर चालान की कार्रवाई की गई। दिल्ली परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, इस विशेष अभियान के लिए 210 प्रवर्तन टीमें तैनात की गईं। इनमें से 126 टीमें ट्रैफिक पुलिस की और 84 टीमें परिवहन विभाग की थीं। अभियान के दौरान बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। ट्रैफिक पुलिस ने 2,743 चालान काटे, जबकि परिवहन विभाग ने 316 चालान जारी किए। इसके अलावा, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) प्रणाली के माध्यम से 687 चालान किए गए। इस प्रकार, बिना PUC वाले वाहनों के खिलाफ कुल 3,746 चालान दर्ज किए गए।


ग्रेप नियमों के उल्लंघन के मामलों में भी कार्रवाई की गई। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस ने 363 चालान काटे, जबकि परिवहन विभाग ने 34 चालान किए। इस श्रेणी में कुल 397 चालान दर्ज किए गए। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई महत्वपूर्ण आदेश लागू किए हैं, जिनमें सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत स्टाफ को वर्क-फ्रॉम-होम करने का निर्देश, 'नो PUC, नो फ्यूल' नियम का सख्त पालन और गैर-बीएस-VI वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध शामिल हैं।


स्कूलों और सार्वजनिक गतिविधियों के लिए भी ग्रेप-4 के तहत आवश्यक प्रतिबंध लागू किए गए हैं। दिल्ली सरकार का कहना है कि इन सभी कदमों का उद्देश्य वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करना, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर अंकुश लगाना, आम लोगों के स्वास्थ्य को तत्काल राहत देना और दीर्घकालिक समाधान के लिए जागरूकता व सख्त नियमों को लागू करना है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए निगरानी और सख्ती आगे भी जारी रहेगी।


दिल्ली सरकार राजधानी के प्रदूषण को नियंत्रित करने और धूल को कम करने के लिए लगातार उपाय कर रही है। इसमें सड़क धूल को नियंत्रित करने के लिए 397 एंटी-स्मॉग गन तैनात की गई हैं। इसके अलावा, 276 पानी के छिड़काव करने वाले स्प्रिंकलर लगाए गए हैं ताकि सड़कों से उड़ने वाली धूल को नियंत्रित किया जा सके। यांत्रिक सफाई के तहत 73 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें तैनात की गई हैं। इन मशीनों की मदद से 2,177.2 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों की सफाई की गई है, जिससे सड़क की धूल को कम करने में मदद मिली है। दिल्ली सरकार ने आईटीओ पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम का अभिनव प्रयोग किया है, जो धूल प्रदूषण के कणों को निष्प्रभावी कर देता है। इस प्रणाली को दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जा रहा है।