दिल्ली में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सख्त नियम: क्या हैं नए प्रतिबंध?
दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर सख्त कदम
नई दिल्ली: दिल्ली की जहरीली हवा को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण और कठोर निर्णय लिया है। ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP)-4 के तहत लागू किए गए दो महत्वपूर्ण प्रतिबंध अब स्थायी रूप से लागू होंगे। इन नियमों का सीधा प्रभाव राजधानी में वाहन चलाने वाले लाखों लोगों पर पड़ेगा।
गंभीर वायु प्रदूषण के खिलाफ सख्त नियम
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने स्पष्ट किया है कि गंभीर वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए, अब बिना वैध पीयूसीसी के किसी भी वाहन को ईंधन नहीं मिलेगा और न ही गैर-BS6 वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी। यह व्यवस्था अगले आदेश तक लागू रहेगी।
दिल्ली की हवा की स्थिति
रविवार को भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह 6 बजे दिल्ली का औसत AQI 391 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी से एक कदम नीचे है। 400 से ऊपर AQI को गंभीर माना जाता है।
GRAP-4 के तहत स्थायी प्रतिबंध
दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद इन नियमों को अधिसूचित किया गया है। मंत्री सिरसा ने कहा, "अब से यह निर्णय लिया गया है कि GRAP-4 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों में से दो को स्थायी कर दिया गया है। पहला प्रतिबंध पीयूसी प्रमाणपत्र से संबंधित है। अगले आदेश तक आपको पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना कहीं भी पेट्रोल नहीं मिलेगा।"
पीयूसीसी का महत्व
पीयूसीसी, यानी प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र, जो अधिकृत पीयूसी केंद्रों पर वाहन के उत्सर्जन की जांच के बाद जारी किया जाता है। यह प्रमाणपत्र इस बात का सबूत होता है कि वाहन निर्धारित प्रदूषण मानकों के भीतर है।
मंत्री ने कहा, "वैध पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना वाहन चलाना दिल्ली की हवा के खिलाफ अपराध करने से कम नहीं है।"
गैर-BS6 वाहनों पर प्रतिबंध
GRAP-4 के तहत दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय BS6 मानकों से नीचे के वाहनों के लिए है। अब दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी वाहन, जो BS6 मानकों पर खरे नहीं उतरते, उन्हें राजधानी में प्रवेश नहीं मिलेगा।
सिरसा ने कहा, "दिल्ली के बाहर से आने वाले वे वाहन जो भारत स्टेज VI (BS6) से नीचे के हैं, उन्हें भी दिल्ली में प्रवेश करने पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।"
पेट्रोल पंपों पर स्थिति
नियम लागू होते ही दिल्ली के कई पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग गईं। ईंधन देने से पहले पीयूसीसी की जांच की गई और जिन वाहन चालकों के पास वैध प्रमाणपत्र नहीं था, उन्हें लौटना पड़ा।
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इससे नियमों के पालन में सुधार हुआ है, लेकिन कई लोगों ने अव्यवस्था और भ्रम की शिकायत भी की।
पीयूसीसी की मांग में वृद्धि
परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, नियम लागू होने के बाद पीयूसीसी जारी करने की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी गई। दो दिनों में कुल 61,000 से अधिक प्रमाणपत्र जारी हुए, जो पहले के औसत से लगभग दोगुना है। कई जगह पीयूसी जांच की कतारें ईंधन भरवाने से भी लंबी नजर आईं।
ट्रांसपोर्टर्स की चिंताएं
अखिल भारतीय मोटर और माल परिवहन संघ (AIMTGTA) ने चिंता जताई है कि जहां सरकार ANPR सिस्टम से जांच की बात कर रही है, वहीं पेट्रोल पंप कर्मचारी भौतिक पीयूसीसी दिखाने पर जोर दे रहे हैं।
पेट्रोल पंप कर्मचारियों के अनुसार, कई जगह वाहन चालकों से तीखी बहस भी हुई। मथुरा रोड स्थित एक पेट्रोल पंप के कर्मचारी ने बताया, "वे हमसे बार-बार नियमों की दोबारा जांच करने के लिए कह रहे थे। आखिरकार, उनमें से ज्यादातर ने पीयूसी परीक्षा दी।"
