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दिल्ली में प्रदूषण पर केजरीवाल का तीखा हमला, केंद्र सरकार की निष्क्रियता पर उठाए सवाल

दिल्ली के प्रदूषण पर आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और नेता विपक्ष विदेश में हैं, जबकि दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो चुकी है। केजरीवाल ने पंजाब में पराली जलाने की बात को खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली का प्रदूषण स्थानीय कारणों से है। उन्होंने केंद्र और दिल्ली सरकार से मिलकर ठोस कदम उठाने की अपील की है।
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दिल्ली में प्रदूषण पर केजरीवाल का तीखा हमला, केंद्र सरकार की निष्क्रियता पर उठाए सवाल

दिल्ली का प्रदूषण और केंद्र सरकार की भूमिका

– देश की राजधानी गैस चैंबर में तब्दील हो गई है, जबकि प्रधानमंत्री मौन हैं। प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र की सक्रियता आवश्यक है- केजरीवाल


– पंजाब में कहीं भी पराली नहीं जल रही है, सभी शहरों का एक्यूआई 70-100 के बीच है। दिल्ली का प्रदूषण स्थानीय कारणों से है- केजरीवाल


– बीजिंग ने अपनी नीयत और कार्यों से हवा को साफ किया, लेकिन दिल्ली और केंद्र में प्रदूषण कम करने की कोई नीयत नहीं है- केजरीवाल


– दिल्ली में 10 साल तक ‘आप’ की सरकार रही, लेकिन कभी भी प्रदूषण का इतना गंभीर स्तर नहीं देखा गया- केजरीवाल


– ‘आप’ सरकार ने टीमें बनाई और त्वरित कार्रवाई की, लेकिन आज केवल एक्यूआई में फर्जीवाड़ा हो रहा है- केजरीवाल


चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता विपक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि वे विदेश में हैं जबकि दिल्ली प्रदूषण से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ओमान में और नेता विपक्ष जर्मनी में हैं, जबकि दिल्ली गैस चैंबर बन चुकी है। केंद्र सरकार की सक्रियता के बिना प्रदूषण कम नहीं हो सकता।


केजरीवाल ने चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि पहले यह कहा जाता था कि पंजाब की पराली के कारण दिल्ली में प्रदूषण है, लेकिन अब पंजाब के सभी शहरों का एक्यूआई 70 से 100 के बीच है। इस समय पंजाब में कोई धुआं नहीं है, इसलिए दिल्ली में प्रदूषण का कारण स्थानीय है। केंद्र और दिल्ली सरकार को मिलकर उचित कदम उठाने चाहिए।


उन्होंने बताया कि ‘आप’ के शासन में दिसंबर में इतना गंभीर प्रदूषण कभी नहीं देखा गया। वर्तमान में प्रदूषण के आंकड़े मैनिपुलेटेड हैं, क्योंकि एक्यूआई मॉनिटरिंग स्टेशनों के आसपास पानी छिड़का जा रहा है। इसके बावजूद एक्यूआई 450 को पार कर जाता है। यदि वास्तविक एक्यूआई देखा जाए, तो वह 700-800 से अधिक है।


केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का वातावरण बेहद खराब है। प्रदूषण कम करने के बजाय, दिल्ली सरकार का ध्यान केवल एक्यूआई आंकड़ों में गड़बड़ी करने पर है। ग्रैप-4 को लागू करने में देरी की गई, और अब भी खुलेआम निर्माण कार्य चल रहे हैं। ग्रैप-4 केवल कागजों पर लागू है।


उन्होंने कहा कि जब ‘आप’ की सरकार थी, तब प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाए जाते थे। कूड़ा जलाने और रात में आग जलाने की घटनाओं को रोका जाता था।


केजरीवाल ने केंद्र सरकार के रवैये को खतरनाक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली के प्रदूषण पर एक शब्द नहीं कहा। जब देश की राजधानी गैस चैंबर बन गई है, तो प्रदूषण कैसे कम होगा? दिल्ली का प्रदूषण तभी कम होगा जब केंद्र सरकार सक्रियता दिखाएगी।


उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक दशक पहले बीजिंग का एक्यूआई दिल्ली से भी खराब था, लेकिन वहां की सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए ठोस कदम उठाए। वहीं, दिल्ली और केंद्र सरकार की प्रदूषण कम करने की कोई नीयत नहीं है।