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दिल्ली में प्रदूषण पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर

दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। भाजपा और आप के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, जिसमें पंजाब सरकार पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रदूषण को लेकर चिंता जताई है, जबकि आप पार्टी ने भाजपा पर सवाल उठाए हैं। जानें इस मुद्दे पर दोनों पक्षों की क्या राय है और पंजाब में पराली जलाने के आंकड़े क्या कहते हैं।
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दिल्ली में प्रदूषण पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर

दिल्ली में प्रदूषण पर सियासी बयानबाजी


भाजपा और आप के बीच प्रदूषण पर आरोप-प्रत्यारोप


दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया है। त्योहारी मौसम में आतिशबाजी के कारण वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है, जिससे प्रदूषण का स्तर 500 तक पहुंच गया है। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति आतिशबाजी, वाहनों के धुएं और औद्योगिक प्रदूषण के कारण है। वहीं, दिल्ली सरकार ने पंजाब पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया है।


मुख्यमंत्री का प्रदूषण पर बयान

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार प्रदूषण को लेकर गंभीर है और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आप पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पंजाब सरकार जानबूझकर दिल्ली की हवा को प्रदूषित कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं, जो संयोग नहीं है।


सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन

सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों के सीमित उपयोग की अनुमति दी थी, लेकिन दिल्ली में अवैध पटाखों के उपयोग ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। कोर्ट ने कहा कि पूर्व सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए।


आप पार्टी का भाजपा पर सवाल

आप पार्टी के नेताओं ने भाजपा सरकार से सवाल किया है कि प्रदूषण रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पटाखा कारोबारियों के साथ भाजपा की मिलीभगत है। सौरभ भारद्वाज और गोपाल राय ने पूछा कि क्या भाजपा चाहती है कि दिल्ली के लोग बीमार हों।


पंजाब सरकार के आंकड़े

पंजाब सरकार ने पराली जलाने के मामलों में कमी की जानकारी दी है। इस साल अब तक 308 मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 10,909 थी।