दिल्ली में बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी: सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

दिल्ली के लाल किले के पास हुई गिरफ्तारी
सोमवार को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के निकट सुरक्षा एजेंसियों ने पांच बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया। ये युवक यहां घूमने आए थे, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि सुरक्षा कारणों से 15 जुलाई से लाल किला आम जनता के लिए बंद है। जब वे वहां पहुंचे, तो सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रूटीन चेकिंग के दौरान रोका और पूछताछ की।
अवैध रूप से रह रहे थे बांग्लादेशी नागरिक
पूछताछ के दौरान इन युवकों ने बताया कि वे पिछले तीन से चार महीनों से दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में मजदूरी कर रहे थे। उनके पास भारतीय पहचान पत्र नहीं थे, लेकिन बांग्लादेशी दस्तावेज मौजूद थे। पुलिस के अनुसार, इनकी उम्र 20 से 25 वर्ष के बीच है। हालांकि उनके पास से कोई संदिग्ध सामग्री या हथियार नहीं मिले, लेकिन भारत में उनकी अवैध मौजूदगी एक गंभीर मुद्दा है।
स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ाई गई
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस के लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हैं और झंडारोहण करते हैं। इस कारण पूरे क्षेत्र में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती बढ़ा दी गई है और आम जनता का प्रवेश भी प्रतिबंधित है। बिना अनुमति और वैध दस्तावेजों के मौजूद इन युवकों पर पुलिस की नजर तुरंत पड़ी।
डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू
पुलिस ने इन बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ विदेशी नागरिक कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही, इन्हें उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। दिल्ली पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे भारत में कैसे दाखिल हुए और क्या इसके पीछे कोई नेटवर्क काम कर रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं कि ये युवक भारत की सीमा पार कर यहां तक कैसे पहुंचे और तीन-चार महीने तक बिना किसी रोकटोक के राजधानी में कैसे रह रहे थे। यह भी जांच का विषय है कि क्या इनके पीछे कोई मानव तस्करी रैकेट या अवैध घुसपैठ कराने वाला गिरोह काम कर रहा है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब इस दिशा में जांच को आगे बढ़ा रही हैं।