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दिल्ली में बाढ़ का खतरा: यमुना का जलस्तर बढ़ा

दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़ने के बाद, जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। यदि जलस्तर और बढ़ता है, तो निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है। जानें किन क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा है और दिल्ली में बारिश के कारण क्या स्थिति है।
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दिल्ली में बाढ़ का खतरा: यमुना का जलस्तर बढ़ा

यमुना में पानी छोड़ने का निर्णय


हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से यमुना में पानी छोड़ा जा रहा है


नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में हो रही लगातार बारिश का प्रभाव अब दिल्ली में भी देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है। हरियाणा ने मंगलवार और बुधवार को दो बार यमुना में पानी छोड़ा, जिससे दिल्ली में जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।


पानी की मात्रा और जलस्तर

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, मंगलवार को 25,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो बुधवार को दिल्ली पहुंचा। इसके बाद, बुधवार शाम को 50,000 क्यूसेक और पानी छोड़ा गया, जो आज दिल्ली तक पहुंचेगा। बुधवार शाम 4 बजे यमुना का जलस्तर 204.13 मीटर था, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से थोड़ा नीचे है। हालांकि, शाम 7 बजे से जलस्तर में कमी आई, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश जारी रहने के कारण सतर्कता बरती जा रही है।


निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा

यदि जलस्तर खतरे के निशान को पार करता है, तो हाथी घाट, एमनेस्टी मार्केट, मजनूं का टीला, यमुना विहार, सोनिया विहार और यमुना खादर जैसे निचले इलाकों में पानी भरने का खतरा है। यदि एक लाख क्यूसेक या उससे अधिक पानी छोड़ा जाता है, तो चेतावनी जारी की जाएगी। तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर निचले इलाकों में बोट तैनात की जाएंगी और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा।


दिल्ली में बारिश का हाल

दिल्ली में बुधवार को मानसून की सबसे बड़ी बारिश हुई। सुबह से शुरू हुई बारिश दिनभर रुक-रुककर चलती रही। इससे एक ओर लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं जलभराव ने उनकी परेशानियों को बढ़ा दिया। सड़कों पर पानी भरा होने के कारण वाहनों को रेंगते हुए देखा गया और लोग घंटों जाम में फंसे रहे।