दिल्ली में बाढ़ की स्थिति: यमुना का जलस्तर बढ़ा, राहत कार्य जारी

दिल्ली में बाढ़ का संकट
दिल्ली बाढ़: यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और यह खतरे के निशान को पार कर चुका है। भारी बारिश के कारण राजधानी के कई निचले क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन ने अब तक 14,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। प्रभावित क्षेत्रों में यमुना बाजार, गीता कॉलोनी, मजनू का टीला, कश्मीरी गेट, गढ़ी मांडू और मयूर विहार शामिल हैं। मयूर विहार फेज-1 में बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है।
जनजीवन पर प्रभाव
राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ का असर आम जनजीवन पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। कई लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। यमुना बाजार में लोग गहरे पानी से होकर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, सिविल लाइंस क्षेत्र में पानी घुसने के बाद मोनेस्ट्री मार्केट के दुकानदारों ने अपने सामान को हटाना शुरू कर दिया है। दुकानदारों का कहना है कि जलभराव अगले दो से तीन दिन तक रह सकता है।
मौसम की जानकारी
मौसम की स्थिति
बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे लोगों के लिए बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों की आशंका को देखते हुए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया कि 5 सितंबर को मध्यम बारिश, 6 सितंबर को गरज के साथ बारिश और 7-8 सितंबर को सामान्य बादल छाए रहने की संभावना है। लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है।
मुख्यमंत्री का बयान
सीएम रेखा गुप्ता ने लिया हालात का जायजा
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हालात का जायजा लेने के बाद लोगों को आश्वस्त किया है। उन्होंने कहा कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी शाम तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है, लेकिन प्रशासन ने पर्याप्त इंतजाम कर लिए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी प्रभावित लोगों के लिए आवास और राहत की व्यवस्था की गई है और आवश्यकता पड़ने पर और कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसी राज्यों के नेताओं से बात की गई है और मिलकर इस संकट का सामना किया जाएगा।
बाढ़ की गंभीरता
दिल्ली में यमुना का उफान राजधानीवासियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। लोग घरों से सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं जबकि प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है।