दिल्ली में बारिश के दौरान गिरा पेड़, पिता की मौत और बेटी घायल

दिल्ली में बारिश का कहर
गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में हुई भारी बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं कई स्थानों पर तबाही का मंजर भी पेश किया। दिल्ली के कालकाजी क्षेत्र से एक दुखद घटना सामने आई है। सुबह लगभग 9:50 बजे, कालकाजी के बी-ब्लॉक में एक विशाल नीम का पेड़ अपनी जड़ से उखड़कर सड़क पर गिर गया, जिससे एक बड़ा हादसा हुआ। इस दुर्घटना में एक बाइक सवार पिता की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई। दिल्ली में जारी 'रेड अलर्ट' के बीच यह घटना प्रशासन और स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय बन गई है।हादसे की जानकारी के अनुसार, 50 वर्षीय सुधीर कुमार अपनी 22 वर्षीय बेटी प्रिया के साथ बाइक पर कहीं जा रहे थे। अचानक, मूसलाधार बारिश के कारण एक पुराना और भारी नीम का पेड़ जड़ से उखड़ गया और उनकी बाइक पर गिर गया। पेड़ के भारी वजन के नीचे दबने से सुधीर कुमार ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। उनकी बेटी प्रिया भी इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई।
आस-पास के लोगों ने तुरंत मदद के लिए दौड़ लगाई और बचाव कार्य शुरू किया। फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियाँ, 12 अग्निशामकों और जेसीबी मशीनों की मदद से मलबे को हटाया गया और दोनों पिता-पुत्री को मलबे से बाहर निकाला गया। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने सुधीर कुमार को मृत घोषित कर दिया, जबकि प्रिया का इलाज जारी है। इस घटना ने इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर के लिए भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'रेड अलर्ट' जारी किया है। गुरुवार को सुबह से ही राजधानी के कई हिस्सों में तेज बारिश हो रही है, जिसके कारण सड़कों पर पानी भर गया है और यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति गंभीर है, जिससे लोगों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए, अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे अत्यधिक सावधानी बरतें, खासकर जब बाहर निकलें, और अस्थिर या कमजोर दिखने वाले पेड़ों के आसपास न रुकें। घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाया गया। पेड़ के विशाल तने को हटाने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान, कालकाजी के उस विशेष इलाके में ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया ताकि बचाव कार्य निर्बाध रूप से चल सके।