दिल्ली में बारिश ने खोली सरकार की पोल: केजरीवाल का बीजेपी पर हमला

दिल्ली में बारिश का कहर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को केवल 10 मिनट की बारिश ने पूरी व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया। कनॉट प्लेस, जो कि देश की राजधानी का सबसे महंगा और वीआईपी क्षेत्र माना जाता है, जलमग्न हो गया। सड़कों पर इतना पानी भर गया कि वे तालाब जैसी स्थिति में आ गईं। इसके परिणामस्वरूप ट्रैफिक ठप हो गया और आम जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
केजरीवाल का बीजेपी पर तीखा हमला
बारिश के बाद दिल्ली की स्थिति पर आम आदमी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने X पर लिखा, "जब दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस का ये हाल है, तो अन्य क्षेत्रों की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। सिर्फ़ 10 मिनट की बारिश में सड़कें तालाब बन गईं। 5 महीनों में बीजेपी ने दिल्ली को कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है? क्या यही है 'चार इंजन' की सरकार की गति?" उनका यह बयान दिल्ली की मौजूदा नगर निगम सरकार, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराता है।
‘चार इंजन सरकार’ पर उठे सवाल
केजरीवाल ने तंज करते हुए कहा कि जब एक ही पार्टी के पास नगर निगम, उपराज्यपाल, केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री का नियंत्रण है, तो फिर ज़िम्मेदारी से भागने का क्या मतलब है? राजधानी के सबसे प्रमुख क्षेत्र में अगर यह स्थिति है, तो कॉलोनियों, झुग्गियों और गांवों की स्थिति तो और भी चिंताजनक होगी।
बीजेपी की सरकार पर आरोप
आप पार्टी ने आरोप लगाया कि बीजेपी की मौजूदा सरकार केवल फोटोशूट और इवेंट मैनेजमेंट में व्यस्त है। पिछले 5 महीनों में कोई भी व्यवस्थित नाला सफाई या जल निकासी की ठोस योजना जमीन पर दिखाई नहीं दी। नतीजा यह है कि बारिश के शुरुआती दिनों में ही राजधानी जलभराव और अव्यवस्था की चपेट में आ गई है।
आप सरकार की तुलना
आप पार्टी के समर्थकों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं का कहना है कि जब आप की सरकार थी, तब मानसून से पहले व्यापक नाला सफाई अभियान, सड़कों की मरम्मत, और जलभराव रोकने की ठोस रणनीतियाँ लागू की जाती थीं। इसका असर भी जमीनी स्तर पर साफ नजर आता था। वहीं अब, बीजेपी सरकार के आने के बाद वह तैयारियां कहीं दिखाई नहीं देतीं।
जनता में बढ़ रहा असंतोष
लोगों का कहना है कि 'चार इंजन सरकार' का जो मॉडल पेश किया गया था, वह केवल नाम में एकजुट है, लेकिन व्यवहार में बिखरी हुई है। चारों इंजन एक ही दिशा में नहीं चल रहे, बल्कि अलग-अलग बहानों में उलझे हुए हैं। जनता पूछ रही है कि क्या यही है नई दिल्ली की तैयारी, जहां हल्की सी बारिश में भी सड़कों पर नाव चलाने की नौबत आ जाती है?
आगे की चुनौतियाँ
यह बारिश तो केवल एक शुरुआत थी। यदि सरकार ने अब भी सबक नहीं लिया, तो आगे आने वाले दिनों में और गंभीर स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। अरविंद केजरीवाल के अनुसार, यह केवल एक चेतावनी है - जनता सब देख रही है और अब गुमराह नहीं होगी।