दिल्ली में भाजपा सरकार ने बंद की जीवन रक्षक योजना: आम आदमी पार्टी

दिल्ली में दुर्घटनाओं के लिए जीवन रक्षक योजना का बंद होना
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि अदालतों में कई बार यह देखा गया है कि यदि किसी व्यक्ति को सड़क पर दुर्घटना के एक घंटे के भीतर चिकित्सा सहायता मिल जाए, तो उसकी जान बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि इसी कारण से पूर्व में आम आदमी पार्टी की सरकार ने 'दिल्ली के फरिश्ते' नामक योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत, यदि किसी व्यक्ति के साथ सड़क पर दुर्घटना होती है, तो उसे नजदीकी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया जाता था और इलाज का पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाती थी। इस योजना ने सैकड़ों लोगों की जान बचाई थी। लेकिन यह अत्यंत दुखद है कि वर्तमान भाजपा सरकार ने इस महत्वपूर्ण योजना को बंद कर दिया है।
सौरभ भारद्वाज ने एक हालिया घटना का उदाहरण देते हुए बताया कि एक वकील अशोक अग्रवाल ने दिल्ली सरकार को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने 26 वर्षीय युवक अमन झा का जिक्र किया। अमन झा की सड़क पर दुर्घटना हुई, जिसके बाद उन्हें पहले एक अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन वहां उनका इलाज नहीं किया गया। इसके बाद उन्हें अन्य अस्पतालों में भेजा गया, लेकिन अंततः उन्हें सरकारी अस्पताल सफदरजंग में ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। सौरभ ने कहा कि समय पर इलाज न मिलने के कारण अमन झा की जान चली गई। यही कारण था कि पूर्व की सरकार ने 'दिल्ली के फरिश्ते' योजना शुरू की थी।
उन्होंने कहा कि भाजपा को यह समझना चाहिए कि सड़क पर यात्रा करने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ दुर्घटना हो सकती है, चाहे वह भाजपा का सदस्य हो या किसी नेता का परिवार। 'दिल्ली के फरिश्ते' योजना ऐसे लोगों की जान बचाने के लिए बनाई गई थी। सौरभ ने यह भी बताया कि जब आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब भाजपा के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने इस योजना को रोकने के प्रयास किए थे। उन्होंने कहा कि मजबूरन उन्हें सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेना पड़ा था, जिसके बाद योजना फिर से शुरू हुई। अब जब भाजपा की सरकार है, तो इस योजना को फिर से बंद कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप अमन झा की मृत्यु हुई।
सौरभ भारद्वाज ने मीडिया के माध्यम से दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अपील की कि ऐसी मानव सेवा से जुड़ी योजनाओं को केवल राजनीति के कारण बंद न किया जाए, ताकि भविष्य में किसी और अमन झा की जान न जाए।