दिल्ली में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा पर फायरिंग की अफवाह: सच्चाई क्या है?

दिल्ली में मची अफरातफरी
बुधवार को दिल्ली में उस समय हड़कंप मच गया जब यह खबर आई कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा पर गोली चलाई गई है। सोशल मीडिया पर यह सूचना तेजी से फैल गई कि ख्याला क्षेत्र में उन पर हमला हुआ है। हालांकि, कुछ घंटों के भीतर मंत्री ने खुद आकर इन दावों को खारिज कर दिया। दिल्ली पुलिस ने भी मामले की जांच की और स्पष्ट किया कि यह केवल एक अफवाह थी, जो गलतफहमी के कारण फैली थी।
क्या हुआ था वास्तव में?
दरअसल, बुधवार दोपहर को मंत्री सिरसा ख्याला इलाके में एक फैक्ट्री का दौरा कर रहे थे। इसी दौरान एक गली में एक धातु का टुकड़ा पड़ा हुआ मिला, जिसे किसी ने दूर से देखकर खाली कारतूस समझ लिया। इसके बाद यह अफवाह फैल गई कि सिरसा पर गोली चली है, जिससे अफरातफरी मच गई।
पुलिस की जांच का परिणाम
पुलिस ने जांच के बाद दी जानकारी
दिल्ली पुलिस ने मामले की गहन जांच की और बताया कि कोई फायरिंग नहीं हुई थी। पुलिस ने कहा कि जब मंत्री फैक्ट्री में थे, तब जमीन पर पड़ा धातु का टुकड़ा गोली के खोल जैसा दिख रहा था। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह सिलाई मशीन का हिस्सा था, न कि असली कारतूस। इलाके की बारीकी से तलाशी लेने पर फायरिंग या हमले का कोई सबूत नहीं मिला।
सिरसा का बयान
सिरसा बोले- “मैं पूरी तरह ठीक हूं”
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “मेरे ऊपर गोली चलने की जो खबरें फैलाई जा रही हैं, वे पूरी तरह झूठी और बेबुनियाद हैं। मैं बिल्कुल ठीक हूं, और ऐसी कोई वारदात नहीं हुई।” उन्होंने यह भी कहा कि यह राजनीतिक अफवाह हो सकती है जिसे किसी विशेष उद्देश्य से फैलाया गया है।
सिरसा की सक्रियता
लगातार सुर्खियों में रहते हैं सिरसा
मनजिंदर सिंह सिरसा, जो दिल्ली सरकार में खाद्य-आपूर्ति, उद्योग, वन और पर्यावरण मंत्री हैं, पंजाबी बहुल क्षेत्र राजौरी गार्डन से विधायक हैं। जब दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनी, तब सिरसा ने मंत्री पद की शपथ पंजाबी भाषा में ली थी। वह अपने बयानों और सक्रियता के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं।
अफवाहों का प्रभाव
नतीजा- अफवाहें तेज़, सच्चाई शांत
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि कैसे अफवाहें लोगों को भ्रमित कर सकती हैं। अच्छी बात यह रही कि मंत्री और पुलिस ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया और गलत जानकारी पर रोक लगा दी। पुलिस ने अपील की है कि बिना पुष्टि के कोई भी खबर न फैलाई जाए, खासकर जब मामला किसी जनप्रतिनिधि से जुड़ा हो।