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दिल्ली में मौसम में बदलाव: बारिश से मिली गर्मी से राहत

दिल्ली में हाल ही में हुई बारिश ने गर्मी से राहत प्रदान की है। आईएमडी के अनुसार, अगले दो दिनों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। हिमाचल प्रदेश में बारिश से 75 लोगों की जान गई है, जिसमें कई सड़क दुर्घटनाएं शामिल हैं। एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार, बारिश से भारी नुकसान हुआ है, जिसमें 288 लोग घायल हुए हैं और हजारों पशु मारे गए हैं। जानें इस मौसम के प्रभाव और नुकसान के बारे में अधिक जानकारी।
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दिल्ली में मौसम में बदलाव: बारिश से मिली गर्मी से राहत

दिल्ली में मौसम का मिजाज

दिल्ली की राजधानी में मौसम ने अचानक करवट ली है। हाल ही में हुई बारिश ने गर्मी से राहत प्रदान की है। आज सुबह भी शहर के कुछ हिस्सों में बारिश देखी गई। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अगले दो दिनों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। वर्तमान में, आसमान में बादल छाए रहेंगे। आईएमडी के अनुसार, पिछले 24 घंटों में दिल्ली के तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं आया है। न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर पर और अधिकतम तापमान भी सामान्य के करीब रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही, तेज हवाएं भी चल सकती हैं।


मानसून का प्रभाव

आईएमडी ने जानकारी दी है कि मानसून अब सूरतगढ़, सिरसा, दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, डाल्टनगंज, बांकुरा और दीघा से होते हुए उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है। इस बीच, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में बारिश से 75 लोगों की जान गई है, जिसमें 45 मौतें बारिश के कारण और 30 आकस्मिक घटनाओं में हुई हैं, जिनमें सड़क दुर्घटनाएं शामिल हैं।


बारिश से हुए नुकसान का आकलन

एसईओसी ने 20 जून से 4 जुलाई 2025 तक के आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें पहाड़ी राज्यों में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। मौसम से संबंधित क्षति रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में 288 लोग घायल हुए हैं और सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है।


मौतों की संख्या

मौसम से संबंधित घटनाओं में अब तक 45 मौतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 27 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं, जिनमें चंबा (6) और कुल्लू (3) शामिल हैं। कुल मिलाकर, 75 लोगों की मृत्यु हुई है। इसके अलावा, हजारों हेक्टेयर कृषि और बागवानी को भी नुकसान पहुंचा है। इस दौरान 10168 पशु और पक्षी मारे गए हैं, जिनमें 10000 मुर्गियां और 168 मवेशी शामिल हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याएं बढ़ गई हैं।