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दिल्ली में यमुना का जलस्तर: बाढ़ की स्थिति और प्रशासन की तैयारियां

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शनिवार को 206.47 मीटर पर पहुंच गया, जो कि खतरे के निशान से ऊपर है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। कई इलाकों में जलभराव के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। जानें बाढ़ की स्थिति और प्रशासन की तैयारियों के बारे में इस लेख में।
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दिल्ली में यमुना का जलस्तर: बाढ़ की स्थिति और प्रशासन की तैयारियां

दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटा, लेकिन खतरा बरकरार

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शनिवार को 206.47 मीटर पर पहुंच गया, जो कि शुक्रवार के 207 मीटर से कम है। हालांकि, यह स्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी जमा है। ड्रोन द्वारा ली गई तस्वीरों में बाढ़ की गंभीर स्थिति स्पष्ट दिखाई दे रही है।


यमुना का चेतावनी और खतरे का स्तर

दिल्ली के लिए यमुना का चेतावनी स्तर 204.50 मीटर और खतरे का स्तर 205.33 मीटर निर्धारित किया गया है। यदि जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है, तो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है। इस हफ्ते, नदी ने 206 मीटर का स्तर पार कर लिया, जिसके कारण कई बस्तियों से हजारों लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया। 3 सितंबर को यमुना का जलस्तर 207.41 मीटर दर्ज किया गया था, जो अब तक का तीसरा सबसे ऊंचा स्तर है।


ओल्ड रेलवे ब्रिज पर नजर

पुराना रेलवे पुल (ओआरबी) यमुना के प्रवाह और बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहीं से जलस्तर का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया जाता है। नदी के उफान से यह पुल प्रशासन और स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।


दिल्ली के कई क्षेत्र जलमग्न

राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्से यमुना के पानी में डूब गए हैं। सिविल लाइंस क्षेत्र, जहां कई आलीशान मकान और सरकारी आवास हैं, वहां भी जलभराव हो गया है। इसके अलावा, मोनेट्री बाजार, कश्मीरी गेट आईएसबीटी, और यमुना बाजार जैसे क्षेत्रों में भी जलभराव ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दुकानों को बंद करना पड़ा और यातायात भी प्रभावित हुआ है।


प्रशासन की तैयारियां

अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और सभी विभाग अलर्ट मोड में हैं। दिल्ली सरकार और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव दल तैनात किए हैं। जिन परिवारों को सुरक्षित स्थलों पर ले जाया गया है, उन्हें अस्थायी शिविरों में भोजन और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।


बैराजों से छोड़ा गया पानी

बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, शनिवार सुबह 9 बजे हथिनीकुंड बैराज से 50,629 क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 1,17,260 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इन बैराजों से छोड़ा गया पानी दिल्ली पहुंचने में औसतन 48 से 50 घंटे का समय लेता है। इस कारण अगले दो दिनों में भी राजधानी में जलस्तर में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। हालांकि, ऊपरी इलाकों से छोड़ा जाने वाला पानी अब कुछ कम हुआ है, लेकिन नदी का बहाव तेज बना हुआ है और जलस्तर चेतावनी सीमा के करीब है।