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दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ का खतरा बढ़ा

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुँच गया है, जिससे बाढ़ की संभावनाएँ बढ़ गई हैं। हाल ही में हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर में वृद्धि हुई है। प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है और यदि जलस्तर और बढ़ता है, तो प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। जानें किन क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा है और प्रशासन की तैयारी क्या है।
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दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ का खतरा बढ़ा

यमुना नदी का जलस्तर खतरे के करीब

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान के करीब पहुँच गया है, जिससे बाढ़ की संभावनाएँ बढ़ गई हैं। बुधवार को यमुना का जलस्तर 204.13 मीटर तक पहुँच गया, जो कि खतरे के स्तर 205.33 मीटर से केवल थोड़ा ही नीचे है। यह वृद्धि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण हुई है.


हथिनीकुंड बैराज से पानी की बढ़ती मात्रा

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, मंगलवार को हथिनीकुंड बैराज से पहली बार 50,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। रात के एक बजे यह आंकड़ा 54,707 क्यूसेक तक पहुँच गया, जो इस वर्ष का सबसे उच्चतम स्तर है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह पानी अगले 48 से 50 घंटों में दिल्ली पहुँच सकता है, जिससे जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है.


जलस्तर की निगरानी के लिए पुराना रेलवे पुल

दिल्ली में पुराने रेलवे पुल को जलस्तर की निगरानी का मुख्य केंद्र माना जाता है। जल शक्ति मंत्रालय की एक समिति ने कुछ साल पहले यहाँ के लिए खतरे के स्तर को संशोधित करने की सिफारिश की थी, जिसके बाद इसे 205.33 मीटर निर्धारित किया गया.


निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा

यदि यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करता है, तो दिल्ली के कई निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मजनूं का टीला, यमुना विहार, सोनिया विहार, हाथी घाट और यमुना खादर जैसे क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। फिलहाल प्रशासन ने कोई आधिकारिक चेतावनी जारी नहीं की है, लेकिन सरकार स्थिति पर नजर रख रही है। मौसम विभाग और संबंधित एजेंसियाँ स्थिति की लगातार निगरानी कर रही हैं। यदि जलस्तर में और वृद्धि होती है, तो प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.