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दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा: बाढ़ की आशंका गहराई

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर चेतावनी स्तर को पार कर गया है, जिससे बाढ़ की संभावनाएं बढ़ गई हैं। केंद्रीय जल आयोग ने चेतावनी जारी की है कि जलस्तर और बढ़ सकता है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के निर्देश दिए हैं। जलस्तर की निगरानी के लिए पुराने रेलवे पुल को प्रमुख बिंदु बनाया गया है। बैराजों से छोड़ा जा रहा पानी जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण है। सभी विभाग अलर्ट मोड पर हैं और संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
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दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा: बाढ़ की आशंका गहराई

यमुना नदी में बाढ़ का खतरा

यमुना नदी में बाढ़: दिल्ली में यमुना नदी ने एक बार फिर चेतावनी स्तर को पार कर लिया है। बुधवार सुबह पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 204.61 मीटर दर्ज किया गया, जो लगातार दूसरे दिन 204.50 मीटर के चेतावनी निशान से ऊपर रहा। इससे राजधानी में बाढ़ की संभावनाएं फिर से बढ़ गई हैं।


प्रशासन की सतर्कता

जलस्तर में वृद्धि से प्रशासन सतर्क

केंद्रीय जल आयोग ने मंगलवार शाम को चेतावनी जारी की थी कि बुधवार शाम तक यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे यह खतरे के निशान 205.3 मीटर को पार कर सकती है। इस चेतावनी के बाद प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है। अधिकारियों को नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट करने और सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के निर्देश दिए गए हैं।


बाढ़ नियंत्रण की तैयारियां

बाढ़ नियंत्रण की तैयारियां तेज

बुधवार सुबह 9 बजे का जलस्तर 204.61 मीटर चिंता का विषय बना हुआ है। शहर में 204.5 मीटर को चेतावनी स्तर और 205.3 मीटर को खतरे का स्तर माना जाता है। जलस्तर 206 मीटर पार करने पर निकासी की प्रक्रिया शुरू करनी होती है। इस स्थिति में पुराने रेलवे पुल को प्रमुख निगरानी बिंदु के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जहाँ से जल प्रवाह और संभावित बाढ़ का अनुमान लगाया जाता है।


पानी का प्रवाह

बैराजों से लगातार छोड़ा जा रहा पानी

केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, यमुना में जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी है। जानकारी के मुताबिक, वजीराबाद से प्रति घंटे लगभग 37,230 क्यूसेक और हथिनीकुंड बैराज से 52,448 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यदि यह स्थिति बनी रही तो जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है।


जल प्रवाह का समय

48 से 50 घंटे में दिल्ली तक पहुंचता है पानी

बैराजों से छोड़ा गया पानी आमतौर पर 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुँचता है, जिसका सीधा असर राजधानी के निचले इलाकों पर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अभी भले ही भारी बारिश नहीं हो रही हो, लेकिन ऊपरी क्षेत्रों से छोड़े गए पानी के कारण जलस्तर में लगातार इज़ाफा देखा जा रहा है।


निचले इलाकों में अलर्ट

निचले इलाकों में अलर्ट जारी

प्रशासन ने नदी किनारे के इलाकों जैसे यमुना बाजार, मजनू का टीला, उस्मानपुर और आईटीओ के आस-पास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है। वहीं बाढ़ नियंत्रण विभाग और आपदा प्रबंधन टीमें संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए तैनात कर दी गई हैं।


सभी विभाग अलर्ट मोड पर

अलर्ट मोड पर सभी विभाग

अगर जलस्तर 205.3 मीटर पार करता है, तो खतरे की स्थिति घोषित की जाएगी और बड़े पैमाने पर निकासी शुरू की जा सकती है। फिलहाल सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और लगातार निगरानी की जा रही है।