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दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर: बाढ़ चेतावनी के करीब

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 204.13 मीटर पर स्थिर है, जो बाढ़ चेतावनी स्तर से केवल 0.37 मीटर नीचे है। हाल ही में हथिनीकुंड बैराज से 54,707 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे जलस्तर में वृद्धि की आशंका है। विशेषज्ञों ने चेतावनी स्तर में बार-बार बदलाव पर सवाल उठाए हैं और नदी के भू-आकृतिक अध्ययन की आवश्यकता बताई है। पिछले साल की बाढ़ के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर: बाढ़ चेतावनी के करीब

यमुना का जलस्तर स्थिर, लेकिन खतरा बना हुआ है

बुधवार को यमुना नदी का जलस्तर 204.13 मीटर पर स्थिर रहा, जो दिल्ली में बाढ़ चेतावनी स्तर से केवल 0.37 मीटर नीचे है. हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से मंगलवार को 54,707 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे आने वाले दिनों में जलस्तर और बढ़ सकता है. विशेषज्ञों ने चेतावनी स्तर बार-बार बढ़ाने पर सवाल उठाए हैं और नदी के भू-आकृतिक अध्ययन की मांग की है. हालांकि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है.


जलस्तर में वृद्धि की आशंका

मंगलवार की रात पहली बार इस मानसून सीजन में हथिनीकुंड बैराज से 50,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार यह आंकड़ा रात 1 बजे 54,707 क्यूसेक तक पहुंच गया. आमतौर पर इस बैराज से छोड़ा गया पानी 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है. ऐसे में आशंका है कि अगले 2 दिनों में यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही इस बार डिस्चार्ज कम हो, लेकिन जलस्तर तेजी से चेतावनी के पास पहुंच रहा है.


खतरे के स्तर में बदलाव पर उठे सवाल

खतरे के स्तर में बदलाव पर उठे सवाल

जल शक्ति मंत्रालय की एक समिति ने दिल्ली रेलवे ब्रिज पर खतरे और चेतावनी स्तर को फिर से संशोधित करने की सिफारिश की थी. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह असली समस्या से ध्यान भटकाने की कोशिश है. दक्षिण एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपल (SANDRP) के सदस्य भीम सिंह रावत ने कहा कि बार-बार चेतावनी स्तर बदलने के बजाय नदी के भू-आकृतिक अध्ययन की जरूरत है. उन्होंने बताया कि सिल्ट जमाव और बाढ़ क्षेत्र में अतिक्रमण ने नदी तल को ऊपर उठा दिया है, जिससे जलस्तर मामूली बढ़त पर भी खतरनाक हो जाता है.


पिछली बाढ़ और वर्तमान तैयारियां

पिछली बाढ़ और वर्तमान तैयारियां

पिछले साल जुलाई में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जिससे दिल्ली के कई इलाके जैसे मयूर विहार, आईटीओ, सलीमगढ़ बाईपास और सिविल लाइंस पानी में डूब गए थे. हजारों लोगों को घर छोड़ना पड़ा था. इस बार दिल्ली सरकार की बाढ़ नियंत्रण योजना के अनुसार तब तक कोई चेतावनी नहीं जारी की जाती, जब तक हथिनीकुंड से 1 लाख क्यूसेक से अधिक पानी न छोड़ा जाए. हालांकि, एहतियात के तौर पर निगरानी बढ़ा दी गई है. सेक्टर स्तर पर कंट्रोल रूम, बोट्स और निगरानी दलों को अलर्ट पर रखा गया है.