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दिल्ली में लोक अदालत: ट्रैफिक चालान निपटाने का सुनहरा अवसर

दिल्ली में 13 सितंबर 2025 को आयोजित होने वाली लोक अदालत ट्रैफिक चालान धारकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस लेख में जानें कि किन चालानों को माफ किया जा सकता है, किन मामलों की सुनवाई नहीं होती, और लोक अदालत में भाग लेने के लिए क्या तैयारी करनी होगी। यह आपके लिए राहत पाने का सही समय है।
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दिल्ली में लोक अदालत: ट्रैफिक चालान निपटाने का सुनहरा अवसर

लोक अदालत का महत्व

लोक अदालत: 13 सितंबर, 2025 को दिल्ली में आयोजित होने वाली 'राष्ट्रीय लोक अदालत' ट्रैफिक चालान धारकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत कर रही है। यह एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें छोटे और बड़े ट्रैफिक चालानों को माफ किया जा सकता है या कम राशि में निपटारा किया जा सकता है।


चालान माफी का अवसर

यदि आपके नाम पर कोई बकाया ट्रैफिक चालान है, तो यह आपके लिए राहत पाने का सही समय है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि लोक अदालत में किन ट्रैफिक चालानों की माफी संभव है, किन मामलों की सुनवाई नहीं होती, और इस प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आपको क्या करना होगा।


लोक अदालत में माफ होने वाले चालान

लोक अदालत में माफ होने वाले ट्रैफिक चालान

लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के ट्रैफिक उल्लंघनों से संबंधित चालानों को माफ करने या कम राशि में निपटाने का प्रावधान है। जिन मामलों में निपटारे किये जाते हैं वो इस प्रकार हैं:

  • सीट बेल्ट न पहनना: कार चलाते समय सीट बेल्ट न पहनने का चालान माफ हो सकता है.
  • बिना हेलमेट ड्राइविंग: मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट न पहनने का चालान.
  • रेड लाइट तोड़ना: सिग्नल उल्लंघन से संबंधित चालान.
  • स्पीड लिमिट उल्लंघन: तय गति सीमा से अधिक तेजी से वाहन चलाना.
  • गलत पार्किंग: अनुचित स्थान पर गाड़ी पार्क करने का चालान.
  • ड्राइविंग लाइसेंस न होना: बिना लाइसेंस के वाहन चलाने का मामला.
  • PUC सर्टिफिकेट न होना: प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र की कमी.
  • ट्रैफिक साइन की अनदेखी: ट्रैफिक नियमों का पालन न करना.
  • बिना नंबर प्लेट का वाहन: नंबर प्लेट के बिना वाहन चलाना.

इन सभी मामलों में लोक अदालत राहत प्रदान करती है, जिससे आप बिना ज्यादा परेशानी के अपने चालान का निपटारा कर सकते हैं।


सुनवाई नहीं होने वाले चालान

इन चालानों की नहीं होगी सुनवाई

कुछ गंभीर ट्रैफिक उल्लंघन ऐसे हैं, जिनकी सुनवाई लोक अदालत में नहीं होती। इन मामलों में आपको पारंपरिक अदालत में जाना होगा। ये चालान निम्नलिखित हैं:

  • नशे में ड्राइविंग: शराब या नशीले पदार्थों के प्रभाव में वाहन चलाना.
  • हिट-एंड-रन: दुर्घटना के बाद भाग जाना.
  • लापरवाही से मौत का कारण: लापरवाह ड्राइविंग से किसी की मृत्यु होना.
  • नाबालिग द्वारा ड्राइविंग: 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति द्वारा वाहन चलाना.
  • अनधिकृत रेसिंग: सड़कों पर रेसिंग या स्पीड ट्रायल करना.
  • आपराधिक गतिविधि में वाहन का उपयोग: वाहन का गैरकानूनी कार्यों में इस्तेमाल.
  • लंबित कोर्ट केस: पहले से कोर्ट में चल रहे चालान.
  • दूसरे राज्य के चालान: अन्य राज्यों में कटे चालान.

इन मामलों में लोक अदालत कोई राहत प्रदान नहीं करती, इसलिए इनके लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा।


लोक अदालत में जाने की तैयारी

लोक अदालत में जाने से पहले जरूरी तैयारी

लोक अदालत में अपने चालान का निपटारा करवाने के लिए आपको कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे:

  • ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन: सबसे पहले, आपको आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा.
  • टोकन नंबर और अपॉइंटमेंट लेटर: रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक टोकन नंबर मिलेगा, जिसके आधार पर अपॉइंटमेंट लेटर जारी होगा। इस लेटर में लोक अदालत की तारीख और समय का उल्लेख होगा.
  • जरूरी दस्तावेज: लोक अदालत में जाते समय टोकन नंबर, अपॉइंटमेंट लेटर और संबंधित दस्तावेज जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण आदि साथ ले जाएं.
  • समय पर पहुंचें: निर्धारित समय से कम से कम एक घंटा पहले लोक अदालत स्थल पर पहुंचें ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके.