दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता: GRAP 3 के तहत संभावित पाबंदियां
दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति
दिल्ली में सर्दियों का आगमन हो चुका है, लेकिन वायु प्रदूषण की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। सोमवार को, आनंद विहार और चांदनी चौक जैसे क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के आसपास बना रहा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में, सीएक्यूएम ने अभी तक ग्रैप 3 के तहत पाबंदियां लगाने का निर्णय नहीं लिया है, लेकिन यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो ऐसा किया जा सकता है। नोएडा और गाजियाबाद में कुछ सुधार देखने को मिला है। इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कार्यालय जाने वाले लोगों से कारपूलिंग का उपयोग करने की अपील की है और निजी कंपनियों को घर से काम करने की सलाह दी है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण के आंकड़े
दिल्ली में वायु प्रदूषण का हाल
बवाना - 412
जहांगीर पुरी - 394
बुराड़ी क्रॉसिंग - 389
नेहरू नगर - 386
चांदनी चौक - 365
आनंद विहार - 379
अशोक विहार - 373
इंडिया गेट पर प्रदर्शन
इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन
रविवार को, इंडिया गेट पर सैकड़ों लोगों ने एकत्रित होकर दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने की मांग की। उन्होंने दिल्ली और केंद्र सरकार से तत्काल उपाय करने की अपील की, यह कहते हुए कि प्रदूषण का गंभीर प्रभाव उनकी जिंदगी पर पड़ रहा है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
GRAP 3 के तहत लागू होने वाली पाबंदियां
ग्रैप 3 के तहत लगती हैं ये पाबंदियां
- गैर जरूरी निर्माण कार्य और ध्वस्तीकरण पर रोक
- पुराने डीजल वाहनों पर पाबंदी
- सीमेंट और बालू जैसी सामग्रियों की आवाजाही पर रोक
- अंतरराज्यीय डीजल बसों पर रोक
- कक्षा 5 तक के स्कूल बंद कर ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति
- स्टोन क्रशर और खनन गतिविधियों पर रोक
- आपात सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों पर रोक
- कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड मोड में काम करने की सलाह
ऑनलाइन क्लासेज की मांग
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए कई निजी स्कूलों ने बाहरी गतिविधियों को बंद कर दिया है। प्रार्थना सभा और अन्य आयोजनों को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। कई बड़े स्कूलों ने एयर प्यूरीफायर की व्यवस्था भी की है। सभी सरकारी और निजी संस्थानों को प्रदूषण के मद्देनजर विंटर एक्शन प्लान की गाइडलाइन का पालन करने के लिए कहा गया है। सोशल मीडिया पर कई माता-पिता और आरडब्लूए एसोसिएशनों ने ऑनलाइन क्लासेज की मांग की है।
