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दिल्ली में विस्फोट के बाद सुरक्षा व्यवस्था में वृद्धि

दिल्ली के लाल किले के पास हुए एक विस्फोट ने सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता पर रखा है। इस घटना में 12 लोगों की जान गई है और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस ने अल-फलाह विश्वविद्यालय से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और विस्फोटक की बरामदगी के बाद एक आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। जानें इस मामले में क्या हो रहा है और आगे की कार्रवाई के बारे में।
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दिल्ली में विस्फोट के बाद सुरक्षा व्यवस्था में वृद्धि

दिल्ली के लाल किले के पास विस्फोट


दिल्ली के लाल किले के निकट हुए विस्फोट के बाद सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता पर रखा गया है। इस घटना में 12 लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस और फॉरेंसिक टीम मामले की गहन जांच कर रही है। जम्मू-कश्मीर से लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक सभी संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।


फरीदाबाद से विस्फोटक जब्ती के बाद का धमाका

यह धमाका फरीदाबाद से 2900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त करने के एक दिन बाद हुआ है, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया है। पुलिस हरियाणा से दिल्ली तक के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।


आरोपी की पहचान और हिरासत

पुलिस ने अल-फलाह विश्वविद्यालय से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनकी भूमिका की जांच की जा रही है। मंगलवार को विश्वविद्यालय के मानव संसाधन अधिकारियों से भी पूछताछ की गई। जांचकर्ताओं का ध्यान इस बात पर है कि क्या विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला का उपयोग आरडीएक्स या अन्य विस्फोटक बनाने के लिए किया गया था।


डॉक्टर की गिरफ्तारी और विस्फोटक की बरामदगी

पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से एक डॉक्टर मुजम्मिल शकील को गिरफ्तार किया, जो अल-फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे। शकील को 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछताछ के बाद हरियाणा और जम्मू पुलिस ने धौज में दो किराए के मकानों पर छापेमारी की, जहां विस्फोटक और ज्वलनशील सामग्री मिली। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह बड़े पैमाने पर हमले की योजना का संकेत है।


आतंकवादी नेटवर्क का भंडाफोड़

फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि एक आतंकवादी मॉड्यूल का निर्माण किया जा रहा था। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए वह अधिक जानकारी नहीं दे सकते। उन्होंने आगे कहा कि और गिरफ्तारियों की संभावना है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसे एक बड़ी सफलता बताते हुए एक आतंकवाद-रोधी अभियान का उल्लेख किया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और एजीयूएच से जुड़े एक अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ।